बिलासपुर। पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर द्वारा प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को समुचित पारिश्रमिक दिये जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर बिलासपुर हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने राज्य शासन को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का समय निर्धारित किया है।
पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने अपने अधिवक्ता संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को उनके कार्य के अनुसार प्रतिदिन 60 से 75 रुपये तक का पारिश्रमिक दिया जाता है, जो वर्तमान समय में पर्याप्त नहीं है। वर्षों से यही पारिश्रमिक दर लागू है, जो अब बंदियों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि बंदियों को कलेक्टर दर के अनुसार मेहनताना दिया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी सजा पूरी करने के बाद एक बेहतर जीवन जी सकें। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई, जिसमें राज्य शासन की ओर से विधिवत जवाब पेश नहीं किया जा सका। इस पर हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।यह मामला लंबे समय से सुनवाई में है और हाई कोर्ट के इस निर्देश के बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य शासन इस मामले में जल्द से जल्द जवाब पेश करेगा। जनहित याचिका का यह मामला बंदियों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें उचित पारिश्रमिक दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस खबर के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य शासन किस प्रकार से इस मामले में अपना पक्ष रखता है और जेल बंदियों के पारिश्रमिक में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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