बिलासपुर। बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने के मामले में फरार चल रहा एक मुख्य आरोपी आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। इस आरोपी ने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि इस ठगी के मामले में नंदकुमार शांडिल्य ने थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। उन्होंने बताया था कि आरोपी कपिल उर्फ कपिलेश्वर गोस्वामी और उसके साथियों ने जांजगीर जिले में आरक्षक (कांस्टेबल) के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर उनसे 5 लाख 50 हजार रुपये लिए थे। पैसे लेने के बाद 8 दिसंबर 2024 को उन्हें नियुक्ति पत्र थमा दिया गया था।
जब नंदकुमार शांडिल्य वह नियुक्ति पत्र लेकर जांजगीर पुलिस अधीक्षक कार्यालय गए, तो जांच में पता चला कि वह नियुक्ति पत्र पूरी तरह से फर्जी है।
15 से 20 लोगों को लगाया चूना, करोड़ों की ठगी
पुलिस के अनुसार, उक्त आरोपियों ने नंदकुमार शांडिल्य की तरह ही लगभग 15 से 20 बेरोजगार लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए और उनसे करोड़ों रुपये की ठगी की थी।
इस मामले में मुख्य आरोपी पचपेड़ी मानिकचौरी निवासी ऋषि नायक (पिता नरोत्तम नायक, उम्र 31 साल) लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। शुक्रवार को फरार आरोपी ऋषि नायक ने बिलासपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
कोर्ट से सूचना मिलते ही सिविल लाइन थाना के एएसआई चंद्रकांत डहरिया तत्काल मौके पर पहुंचे और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी ऋषि नायक को एक दिन की रिमांड पर लिया है ताकि उससे ठगी के नेटवर्क के बारे में आगे की पूछताछ की जा सके। पुलिस ने बताया कि इस ठगी के मामले में पहले ही आरोपी कपिलेश्वर गोस्वामी, गुरू शंकर गोस्वामी, राजेन्द्र पलागे, पुरुषोत्तम तिवारी और संजय दास मानिकपुरी को गिरफ्तार किया जा चुका है।