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Shri Krishna Birth Anniversary : देशभर समेत छत्तीसगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम

17 Aug 2025 | WEENEWS DESK | 15 views
Shri Krishna Birth Anniversary : देशभर समेत छत्तीसगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम

0 रात 12 बजे से जन्मोत्सव मुहूर्त, विधि, मंत्र और व्रत का ऐसे करें पालन

(Shri Krishna Birth Anniversary)उदया तिथि में व्रत-पर्व मनाने की परंपरा के मुताबिक मथुरा, वृंदावन, द्वारका, पुरी और ज्यादातर मंदिरों में आज ही जन्माष्टमी मनाई जा रही है। कृष्ण जन्मोत्सव रात में मनाने की परंपरा है, क्योंकि श्रीकृष्ण का जन्म रात के आठवें मुहूर्त में हुआ था। ये मुहूर्त रात 12 बजे से 12.48 तक रहेगा। कुछ लोग रात में भगवान की पूजा नहीं कर पाते हैं। जिसके चलते दिनभर अष्टमी तिथि के दौरान किसी भी समय कृष्ण पूजा कर सकते हैं।


विधि : ब्रह्म मुहूर्त से अगले दिन तक

ब्रह्म मुहूर्त से शुरू कर अगले दिन सूर्योदय तक व्रत करने का विधान है। अगले दिन नहाकर पूजा करने के बाद भगवान को भोग लगाकर प्रसाद खाकर व्रत का पारण किया जाता है। यानी व्रत पूरा किया जाता है। बच्चे, बूढ़े और रोगियों के लिए नियम नहीं है। श्रद्धा से किसी भी तरह व्रत कर सकते हैं।नियम : सूखे मेवे, फल खाएं

इस व्रत में अन्न नहीं खाया जाता। सिर्फ फल और दूध ही ले सकते हैं। सेहत और स्थिति के अनुसार सूखे मेवे, थोड़ी मात्रा में फलाहार या ज्यूस ले सकते हैं। रात में आरती के बाद फलाहार न करें, जरूरत हो तो दोबारा दूध पी सकते हैं।महत्व : कष्ट दूर होते हैं, जीत मिलती है

व्रत-उपवास इसलिए ताकि भगवान की पूजा में मन, शरीर और विचार शुद्ध रहें। ग्रंथों में इसे जयंती व्रत कहा है, इससे सुख और समृद्धि मिलती है। मान्यता है कि अष्टमी जया तिथि है। इस तिथि पर व्रत करने से जीत मिलती है।


देश-प्रदेश के कृष्ण मंदिरों में जन्मोत्सव की भव्यता

0 आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, वृंदावन में 10 लाख भक्त, मथुरा में सोने से बनाए गए ठाकुर जी के वस्त्र; ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर सजा मंदिर

0 छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर में कान्हा के लिए 1100KG मालपुआ तैयार, इस्कॉन में 3 दिन महोत्सव

0 गुजरात के द्वारका में जन्माष्टमी, जगत मंदिर रोशनी से जगमगाया, रात 2.30 बजे तक होंगे भगवान द्वारकाधीश के दर्शन

0 जयपुर के मंदिर में दिन में हुआ कृष्ण जन्म:भगवान को पहनाई गई 2.50 लाख की घड़ी, दर्शन के लिए भक्तों की लगी कतार

0 देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, जीवंत झांकियों के साथ निकलेगी शोभायात्रा, मटकी फोड़ने निकलेगी टोलियां, मलखंभ का भी आयोजन

0 रायपुर के टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण और राधा रानी का विशेष श्रृंगार किया गयअभिषेक और पूजा की सरल विधि

बाल गोपाल के अभिषेक के लिए केसर मिश्रित दूध का प्रयोग करें। केसर मिलाने से दूध केसरिया रंग का हो जाएगा। पूजा में कच्चे दूध का इस्तेमाल करें।श्रीकृष्ण के साथ यशोदा मैया, बलराम, राधा, गौ माता और गोवर्धन पर्वत की भी पूजा करें। ये सभी श्रीकृष्ण से जुड़े हुए हैं, भगवान इनसे अलग नहीं हैं।भगवान को भोग में माखन-मिश्री और मौसमी फल अर्पित करें। पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल जरूर करें। यदि संभव हो तो इस दिन यमुना नदी में स्नान करें। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर स्नान करते समय पानी में यमुना जल या गंगाजल मिलाएं और गंगा-यमुना का ध्यान करते हुए स्नान करें। ऐसा करने से भी घर पर ही नदी स्नान का पुण्य मिल सकता है।


भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की भी करें पूजा

इस दिन भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की भी पूजा करें। दक्षिणावर्ती शंख का इस्तेमाल विष्णु-लक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ माना गया है। शंख को देवी लक्ष्मी का भाई कहा गया है, क्योंकि ये दोनों समुद्र से उत्पन्न हुए हैं। शंख में दूध भरकर भगवान का अभिषेक करें। भगवान को पीले, चमकीले वस्त्र पहनाएं। चंदन से तिलक, मोरपंख, मुकुट, और हार-फूल से श्रृंगार करें। माखन-मिश्री, मिठाई, और तुलसी के साथ भोग अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा में कृं कृष्णाय नमः, “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। इसके लिए तुलसी की माला का उपयोग करें। इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता, गीता सार, और हरिवंश पुराण का पाठ करें। भगवान श्रीकृष्ण की कथाओं को पढ़ें और सुनें।



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