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Bilaspur News : हाईकोर्ट के साए में भ्रष्टाचार; 12 लाख की सड़क 8 महीने में तबाह, ठेकेदार और अफसर बेखौफ

26 Sep 2025 | WEENEWS DESK | 26 views
Bilaspur News : हाईकोर्ट के साए में भ्रष्टाचार; 12 लाख की सड़क 8 महीने में तबाह, ठेकेदार और अफसर बेखौफ

, बिलासपुर। Bilaspur News : बड़ी खबर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के ठीक पास, महज़ 50 मीटर की दूरी पर बनी 12 लाख रुपए की सड़क ने आठ महीने भी नहीं झेले और अब पूरी तरह टूट चुकी है। यह मामला सिर्फ एक सड़क का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की जीती-जागती मिसाल बन चुका है।

रहवासी बताते हैं कि इस सड़क को बनवाने के लिए उन्होंने महीनों संघर्ष किया, शिकायतें कीं, यहाँ तक कि केस भी फाइल किया। अंत में सड़क बनी, लेकिन गुणवत्ता ऐसी कि पहली ही बरसात में सब ध्वस्त। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं, डामर उखड़ चुका है और लोगों को जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ता है। कई बार वाहन चालक और राहगीर गड्ढों में गिरते-गिरते बचे। लोगों का कहना है। हाईकोर्ट के सामने अगर इतनी घटिया सड़क बन सकती है, तो पूरे शहर में क्या हो रहा होगा, सोचिए!

राहगीरों का कहना है कि उन्हें रोज़ाना अपनी जान जोखिम में डालकर इस सड़क से गुजरना पड़ता है। कभी भी गड्ढों में गिरने का डर बना रहता है। लोग मांग कर रहे हैं कि सड़क की तुरंत मरम्मत कराई जाए और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई हो।

गुस्साए लोगों ने नगर पालिका पर सीधा निशाना साधा। उनका आरोप है कि पालिका प्रशासन में बैठे इंजीनियर और अफसर ठेकेदारों को बिना जांच-निरीक्षण के बिल पास कर देते हैं। खासतौर पर एक इंजीनियर के.एन. उपाध्याय का नाम सामने आया है, जिन पर आरोप है कि वे पिछले छह साल से बिना फील्ड विजिट किए ही ठेकेदारों को फायदा पहुंचा रहे हैं।इस सड़क पर काम करने वाले ठेकेदार ने भी मानकों की धज्जियां उड़ाईं। लेकिन सवाल उठता है – क्या नगर पालिका और उसके अफसरों को हाईकोर्ट का भी डर नहीं? क्या जनता की गाढ़ी कमाई से बनी सड़कें यूँ ही बर्बाद होती रहेंगी?

नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों ने भी ठेकेदार और इंजीनियर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पालिका प्रशासन में बैठे अधिकारी बिना निरीक्षण किए ही ठेकेदारों को टेंडर और भुगतान कर देते हैं। खास तौर पर इंजीनियर के.एन. उपाध्याय का नाम सामने आया है, जो पिछले छह साल से पद पर हैं और फील्ड विजिट किए बिना ही बिल पास करने का आरोप झेल रहे हैं।नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों ने भी खुलकर कहा कि यह पूरा खेल लापरवाही का है। उन्होंने प्रशासन और इंजीनियरिंग विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को इस तरह बर्बाद करना अपराध है।

फिलहाल इस पूरे मामले ने जिले के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। जनता की नज़र अब जिला कलेक्टर और राज्य सरकार पर है कि आखिर वे इस गड़बड़ी पर क्या कदम उठाते हैं। क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी? क्या सड़क फिर से बनेगी? या फिर एक और घोटाले की फाइलें दबा दी जाएंगी?एक बात तो साफ है कि हाईकोर्ट के साये में भी अगर भ्रष्टाचार और लापरवाही यूँ ही चलती रही, तो जनता का भरोसा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।अब देखना है कि यह मामला सिर्फ चर्चा बनकर रह जाता है या फिर वाकई कोई बड़ा एक्शन होता है। फिलहाल यह सड़क और यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय है। जनता का सवाल साफ है- सड़क टूटी है या सिस्टम?

Bilaspur News : हाईकोर्ट के साए में भ्रष्टाचार; 12 लाख की सड़क 8 महीने में तबाह, ठेकेदार और अफसर बेखौफ

WEENEWS DESK
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