हाइवे से लेकर शहर-ग्रामीण
सड़कों पर मवेशियों का डेरा
रोज हो रहे सड़क हादसे
प्रशासन बेफिक्र, लाखों की गौशालाएं नहीं हो पाई चालू
सिहोरा
आवारा मवेशियों का डेरा हाइवे से लेकर शहर और ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर है। बारिश के मौसम में आवारा मवेशियों का झुंड जगह-जगह देखने को मिल रहा है। राजमार्ग व दूरस्थ ग्रामीण अंचलों की सड़कों पर आवारा मवेशी बारिस के इस मौसम में मच्छर और मक्खियों व कीचड़ से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिहाज से सड़कों पर अपना डेरा जमाए हैं, जिससे प्रतिदिन गंभीर सड़क हादसे हो रहे हैं और इन सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही है। वहीं प्रतिदिन मूक मवेशी काल के काल में समा रहे हैं।
हाइवे ठेकेदार नहीं हटवाते मृत मवेशियों के शव
महेन्द्र सिंह, पुरूषोत्तम असाटी, श्वेतांक पालीवाल, अनिल जैन, मनीष साहू, अरूण पटैल का कहना है की हाइवे में सिहोरा से लेकर धनगवा तक की सड़कों पर प्रतिदिन दर्जनो मूक मवेशी सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं। ठेकेदार को निर्देश है की हाइवे में आवागमन बाधित न हो अगर सड़क पर मवेशी बैठते हैं तो उन्हें हांका गैंग के माध्यम से तत्काल हटाया जाए मृत मवेशियों का समुचित बिनष्टीकरण किया जावे परंतु यह सब देखने को नहीं मिल रहा है।
लाखों की गौशालाएं हो रही बेकार
लोगों का कहना है की सरकार की मंशानुसार लावारिस गौवंश को आश्रय देने के उद्देश्य पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल में सरकार द्वारा 40-40 लख रुपए की गौशालाएं बनकर तैयार है जिन्हें अभी तक चालू नही किया गया। जिसके फलस्वरूप सड़कों पर आवारा मवेशियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वाहन चालकों का कहना है की जब रात्रि कालीन बारिश का दौर शुरू होता है तो बारिश व घुप्प अंधेरे के चलते सड़क पर बैठे मवेशी वाहन चालक को दिखाई नहीं पड़ते जिसके कारण बड़ी-बड़ी सड़क दुर्घटना घटित हो रही हैं। वही गोसलपुर में संचालित विद्यासागर सेवा आश्रम गौशाला में निरंतर सड़कों पर घायल गोवंश को तुरंत इलाज दिया जाता है।
कलेक्टर और सीईओ के आदेश हवा में
जहां एक और कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ द्वारा सड़कों पर बैठे आवारा मवेशियों को संबंधित ग्राम पंचायत की सीमा क्षेत्र के सरपंच सचिव को इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, परंतु इस आदेश का असर कहीं भी क्षेत्र मे दूर-दूर तक देखने को नहीं मिल रहा है वही शासन ने पशुपालकों को अपने आवारा मवेशी सड़कों पर छोड़ने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी तय करके रखा गया है। परंतु इस जारी नियम निर्देश का आवारा मवेशियों के पशुपालकों पर भी पुलिस द्वारा कोई कठोर कार्रवाई न करने के कारण पशुपालक अपने मवेशियों को आवारा सड़कों पर छोड़े जा रहे हैं।