रायपुर। Navratri Special: आज 22 सितम्बर 2025 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। सुबह से ही पूरे छत्तीसगढ़ में मां दुर्गा के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। प्रदेशभर के मंदिरों, देवी धामों और पंडालों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। प्रतिपदा तिथि पर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना और कलश स्थापना के साथ भक्तों ने आस्था का पर्व शुरू किया।
राजधानी रायपुर में टिकरापारा, गुढ़ियारी, सरस्वती नगर और पुरानी बस्ती क्षेत्र के बड़े-बड़े पंडालों में भव्य झांकियां सजाई गई हैं। तेलीबांधा तालाब के पास बने भव्य दुर्गा पंडाल में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। दुर्गा चौक और पचपेड़ी नाका में भी विशेष अनुष्ठान और आरती का आयोजन किया गया।
बिलासपुर-रतनपुर
बिलासपुर के रतनपुर स्थित महामाया मंदिर में आज अलसुबह से ही हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। यहां सुबह से लेकर देर रात तक देवी दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर समिति ने विशेष सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की है।
जांजगीर-चांपा और कोरबा
जांजगीर के आदर्श नगर स्थित काली माता मंदिर और कोरबा के त्रिपुर सुंदरी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने मां शैलपुत्री की पूजा करते हुए परिवार की खुशहाली की कामना की।
बस्तर और जगदलपुर
जगदलपुर में बस्तर दशहरा की धूम नवरात्रि के साथ और बढ़ गई है। दंतेश्वरी मंदिर में पारंपरिक पूजा-अर्चना और विशेष मंत्रोच्चार के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। यहां दूर-दराज से आए आदिवासी समुदायों ने पारंपरिक नृत्य और पूजा विधि के जरिए माता रानी का आशीर्वाद लिया।
दुर्ग-भिलाई
दुर्ग और भिलाई में सेक्टर-6, कुम्हारी और कैंप-2 के बड़े पंडालों में आकर्षक झांकियां सजाई गई हैं। शाम की आरती में सैकड़ों भक्त शामिल हुए। कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शुरू हो गए हैं, जो नवरात्रि के नौ दिनों तक चलेंगे।
राजनांदगांव
राजनांदगांव के डोंगरगढ़ स्थित बमलेश्वरी मंदिर में आज सुबह से ही भक्तों की अपार भीड़ रही। मां बमलेश्वरी के दर्शन के लिए श्रद्धालु सीढ़ियों और रोपवे दोनों से मंदिर पहुंचे। प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की है।
कांकेर-सरगुजा-बलरामपुर
कांकेर के मां महामाया मंदिर, सरगुजा अंबिकापुर के महामाया मंदिर और बलरामपुर के करैहापारा दुर्गा पंडाल में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। इन इलाकों में सुबह से ही कलश स्थापना और हवन-पूजन का दौर चलता रहा।
इसके साथ-साथ धमतरी, महासमुंद, बलौदाबाजार, रायगढ़, बालोद, कबीरधाम, गरियाबंद, बेमेतरा सहित प्रदेश के हर जिले और गांव-गांव में नवरात्रि का उल्लास देखा जा रहा है। मंदिरों, घरों और पंडालों में श्रद्धालु माता रानी की आराधना में लीन हैं और पूरे छत्तीसगढ़ का माहौल भक्तिमय हो उठा है।
छत्तीसगढ़ के लगभग हर जिले में नवरात्रि के पहले दिन से ही भक्ति और आस्था का महासागर उमड़ पड़ा है। आने वाले नौ दिनों तक पूरे प्रदेश में माता रानी के जयकारों के बीच भजन-कीर्तन, झांकियां और सांस्कृतिक आयोजन श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे।
नवरात्रि के नौ दिन और मां दुर्गा के नौ स्वरूप
भक्तगण प्रतिदिन माता दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा कर पुण्य अर्जित करते हैं –
पहला दिन – मां शैलपुत्री : पर्वत राज हिमालय की पुत्री, शक्ति और शांति का प्रतीक।
दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी : तपस्या और संयम की देवी, साधना और धैर्य का वरदान देती हैं।
तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा : साहस और शौर्य की देवी, भक्तों को भय और संकट से मुक्ति दिलाती हैं।
चौथा दिन – मां कूष्मांडा : सृष्टि की आदिशक्ति, जीवन में ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करती हैं।
पांचवां दिन – मां स्कंदमाता : कार्तिकेय की माता, संतान सुख और परिवार की समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
छठा दिन – मां कात्यायनी : दानवों का संहार करने वाली, विवाह और रिश्तों में सफलता प्रदान करती हैं।
सातवां दिन – मां कालरात्रि : अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली।
आठवां दिन – मां महागौरी : शांति, पवित्रता और मोक्ष की देवी।
नवां दिन – मां सिद्धिदात्री : सभी सिद्धियों की दात्री, भक्तों को ज्ञान और अध्यात्म का वरदान देती हैं।
प्रशासन की व्यवस्था
भीड़ को देखते हुए हर जिले में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। नगर निगमों ने साफ-सफाई और बिजली की व्यवस्था दुरुस्त की है। साथ ही मूर्ति विसर्जन के लिए सुरक्षित घाट चिन्हित किए गए हैं।