दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा में सेवा से करीब 46 महीने (1408 दिन) एब्सेंट रहने वाले डॉक्टर देवेंद्र प्रताप (वर्तमान में BMO) पर 3 साल पहले मजदूर को बंधक बनाने का आरोप लगा है। जगदलपुर के श्री बालाजी केयर मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मजदूर के हाथ में लगी चोट पर टांका लगाया और इलाज के नाम पर 40 हजार का बिल थमा दिया था।
जब मजदूर इन पैसों को नहीं दे पाया तो उसे अस्पताल में ही बंधक बना लिया गया था। उसे अस्पताल से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा था। हालांकि, मजदूर जिस पेट्रोल पंप में काम करता था उसके मालिक, जनप्रतिनिधि, पत्रकार और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मजदूर को अस्पताल से बाहर निकाला गया था।
नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉक्टर श्रेयांश जैन का कहना है कि डॉक्टर देवेंद्र प्रताप और उनकी पत्नी मिलकर इस प्राइवेट अस्पताल को चला रहे हैं। डॉक्टर श्रेयांश जैन ने डॉक्टर देवेंद्र प्रताप की पत्नी के नाम का अस्पताल का रजिस्ट्रेशन होने की बात कही है।
अब नियमों को दरकिनार रख उप संचालक (स्वास्थ्य सेवाएं) के पत्र के बाद CMHO अजय रामटेके ने डॉक्टर देवेंद्र प्रताप को सीधे BMO जैसे जिम्मेदार पद की ज्वाइनिंग दे दी। लोगों के विरोध के बाद दैनिक भास्कर ने इस मामले को उजागर किया। अब संबंधित डॉक्टर के खिलाफ एक के बाद एक मामले उजागर होने लगे हैं।�