रायपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक और छत्तीसगढ़ में संघ की नींव रखने वाले श्रद्धेय शांताराम जी का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने बैंक की अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर अपना जीवन संघ को समर्पित कर दिया था. शांताराम जी का जाना सिर्फ एक व्यक्ति का जाना नहीं है, बल्कि यह संघ परिवार के लिए एक युग का अंत है, जिसने छत्तीसगढ़ में संघ को एक मजबूत पहचान दी.
बैंक छोड़ बन गए प्रचारक, घोष में बजाते थे शंख
शांताराम जी ने सागर में जिला प्रचारक, रायपुर में विभाग प्रचारक, और छत्तीसगढ़ के पहले प्रांत प्रचारक के रूप में काम किया. उनकी कार्यकुशलता और समर्पण की वजह से उन्हें मध्यक्षेत्र का प्रचार प्रमुख और संपर्क प्रमुख भी बनाया गया. वे अपने मृदुभाषी स्वभाव, घोष में शंख बजाने की कला और मधुर गीतों के लिए जाने जाते थे. संघ के स्वयंसेवक बताते हैं कि उनका वात्सल्यपूर्ण स्नेह हर किसी पर एक अमिट छाप छोड़ता था.
शांताराम जी का अंतिम दर्शन शनिवार 6 सितंबर को सुबह 7 बजे से 10 बजे तक जागृति मंडल, गोविंद नगर, रायपुर में किया जा सकेगा. इसके बाद, दोपहर 1 बजे मदकू द्वीप में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
संघ परिवार और उनके चाहने वालों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. उनका जीवन और संघ के प्रति समर्पण हमेशा स्वयंसेवकों को प्रेरित करता र
हेगा.