New Delhi/Raipur.�नई दिल्ली/रायपुर।�रायपुर से लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को संसद में देश में नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) को लेकर उठाए गए विधायी व नीतिगत प्रयासों पर पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से अतारांकित प्रश्न के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी मांगी। श्री अग्रवाल ने प्रश्न किया कि जब तक नीली अर्थव्यवस्था के लिए कोई विशेष कानून मौजूद नहीं है, तब तक समुद्री आर्थिक गतिविधियों से संबंधित पर्यावरणीय सुरक्षा, नियामक खामियों और विभागीय ओवरलैप्स से निपटने के लिए सरकार के पास कौन-सा तंत्र है? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या इस दिशा में कोई ठोस विधायी ढांचा प्रस्तावित या तैयार किया गया है?
जवाब में, राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि नीली अर्थव्यवस्था के लिए एक समग्र विधायी दृष्टिकोण मंत्रालय द्वारा अपनाया गया है, जिसे फरवरी 2021 में सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था और जुलाई 2022 में संशोधित किया गया। इस दिशा में भारत सरकार ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, सीआरजेड अधिसूचना 2019, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 जैसे कानूनों को लागू किया है। इसके अलावा, मत्स्य पालन, शिपिंग, बंदरगाह सुरक्षा, जहाज पुनर्चक्रण, इनलैंड वेसल्स, तथा अंतरराष्ट्रीय समुद्री कन्वेंशन के तहत भी कई अधिनियम वर्तमान में प्रभावी हैं, जैसे:
मरीन फिशिंग रेगुलेशन एक्ट्स (राज्य विशेष),
नेशनल पॉलिसी ऑन मरीन फिशरीज 2017,
मर्चेंट शिपिंग एक्ट 1958,
मेजर पोर्ट अथॉरिटी एक्ट 2021,
मैरिटाइम जोन्स एक्ट 1976,
रीसाइक्लिंग ऑफ शिप्स एक्ट 2019,
इनलैंड वेसल्स एक्ट 2021।
डॉ. सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया नीली अर्थव्यवस्था नीति मसौदा देश के समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग, तटीय समुदायों के जीवन में सुधार, समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। इस नीति का उद्देश्य भारत की जीडीपी में नीली अर्थव्यवस्था का योगदान बढ़ाना और समुद्र आधारित संसाधनों से आर्थिक विकास को गति देना है। यह नीति मसौदा 'विजन न्यू इंडिया 2030' के अनुरूप तैयार किया गया है और इसमें ब्लू इकोनॉमी अकाउंटिंग फ्रेमवर्क, ओशन गवर्नेंस, समुद्री पर्यटन, मछली पालन, और प्रसंस्करण इकाइयों को भी शामिल किया गया है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भारत जैसे समुद्र तटीय देश के लिए नीली अर्थव्यवस्था भविष्य की जरूरतों की पूर्ति और आर्थिक मजबूती का एक बड़ा अवसर है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस नीति को विधायी रूप में ठोस स्वरूप देकर शीघ्र लागू किया जाए, ताकि भारत वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभा सके।