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Raipur News : “छत्तीसगढ़ में छुआछूत और जातिवाद मुक्त समाज की ऐतिहासिक पहल: सर्व समाज समन्वय महासभा का सामूहिक संकल्प”

21 Sep 2025 | WEENEWS DESK | 30 views
Raipur News : “छत्तीसगढ़ में छुआछूत और जातिवाद मुक्त समाज की ऐतिहासिक पहल: सर्व समाज समन्वय महासभा का सामूहिक संकल्प”

रायपुर। Raipur News : छत्तीसगढ़ में छुआछूत एवं जातिवाद मुक्त समाज की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए सर्व समाज समन्वय महासभा, छत्तीसगढ़ ने दिनांक 19 सितम्बर 2025, शुक्रवार (कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, विक्रम संवत् 2082, आश्विन/भाद्रपद) को रायपुर में प्रांतीय महासम्मेलन का भव्य आयोजन किया।

ऐतिहासिक घोषणा

इस अवसर पर प्रो. डॉ. संजीव वशिष्ठ ने बताया कि महासभा ने जिला कार्यकारिणी के निम्न एवं उच्च सदनों की बैठकों के उपरांत सभी जिला स्तरीय समाजों के अध्यक्षों से सर्वसम्मति प्राप्त कर यह निर्णय लिया। तत्पश्चात्, छत्तीसगढ़ के विभिन्न समाजों के अध्यक्षगणों, संत-महात्माओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में आयोजित इस महासम्मेलन में यह महत्वपूर्ण घोषणा की गई कि— “छत्तीसगढ़ प्रांत को छुआछूत एवं जातिवाद की दुर्भावना से मुक्त की सर्व समाज स्वीकृति।”

गरिमामयी उपस्थिति और संदेश

महासम्मेलन में मुख्य अतिथि माननीय रामदत्त जी, अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रामरूपदास महात्यागी जी महाराज (अखिल भारतीय संगठन महामंत्री, दिगंबर अखाड़ा एवं अखिल भारतीय मार्गदर्शन मंडल सदस्य, विश्व हिंदू परिषद), गुरु माँ साध्वी रेणुका जी (राष्ट्र शक्ति आश्रम ट्रस्ट, गंगोत्रीधाम, हिमालय एवं अखिल भारतीय मार्गदर्शन मंडल सदस्य, विश्व हिंदू परिषद) तथा विश्वनाथ बोगी जी (प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, छत्तीसगढ़) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवान्वित किया।

मुख्य अतिथि रामदत्त जी ने अपने उद्बोधन में सामाजिक समरसता को सर्वोपरि मानते हुए हिंदू समाज में एकजुटता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से नारीशक्ति का आह्वान करते हुए कहा कि समरस समाज की स्थापना में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्वनाथ बोगी जी ने छत्तीसगढ़ प्रांत में 100 ग्रामों को गोद लेकर उन्हें “सामाजिक समरस ग्राम” के रूप में विकसित करने की योजना का उल्लेख किया तथा अनेक सामाजिक महत्त्वपूर्ण घटनाओं का स्मरण करते हुए संपूर्ण प्रांत को “सामाजिक समरस प्रांत” बनाने का आह्वान किया। साध्वी गुरु माँ रेणुका जी ने अपने संदेश में कहा कि तथाकथित छुआछूत से ग्रसित जातियाँ वास्तव में वे श्रेष्ठ जातियाँ हैं जिन्होंने कभी अपने धर्म और संस्कृति का त्याग नहीं किया। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि छुआछूत जैसी कुरीतियों का पूर्णतः परित्याग किया जाए। इसी क्रम में मदकु द्वीप के संत प्रमुख रामरूपदास जी ने भी छत्तीसगढ़ को छुआछूत एवं जातिवाद की दुर्भावना से मुक्त करने संबंधी सर्व समाज की घोषणा का समर्थन करते हुए इसे ऐतिहासिक और आवश्यक कदम बताया।

व्यापक सहभागिता

महासम्मेलन में छत्तीसगढ़ प्रांत के लगभग सभी जिलों से विभिन्न समाजों के अध्यक्षगण, संत-महात्मा, गणमान्य नागरिक एवं संगठनों के प्रमुख बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने इस संकल्प को साकार रूप देने हेतु एकजुट होकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। संतजन, शिक्षा एवं योग क्षेत्र के प्रतिनिधि, विभिन्न समाजों के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष (कोंडागांव, रायपुर, बालोद, कांकेर, धमतरी, पाटन, नारायणपुर एवं दुर्ग से), प्रांत के वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अनेक संगठनों के अध्यक्षगण भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। साथ ही, सर्व समाज समन्वय महासभा की रायपुर, महासमुंद, बालोद, धमतरी, दुर्ग, नारायणपुर एवं बस्तर की कार्यकारिणी के अधिकारीगणों ने भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।

संयोजन मंडल के अधिकारीमहासम्मेलन के संयोजन मंडल में प्रमुख रूप से—

लता ऋषि चंद्राकर, उदयभान सिंह, रमाशंकर श्रीवास्तव, सांवला राम डाहरे, डॉ. डी.के. महंती, गायत्री श्रीवास्तव, सुषमा पटनायक, पन्ना लाल सिन्हा, डी.एल. साहू, अमरीका वर्मा, अरुणलता श्रीवास्तव, श्यामा साहू, मेवालाल सिन्हा, नीता लवानिया, सत्यदेव वर्मा, ठाकुर ऋषिकेश सिंह, भूपेन्द्र चंद्राकर, विनोद यादव, अर्चना शर्मा, सुरेखा कंवर, पद्मिनी चंद्राकर, चंद्रकला पटेल, दिलीप पटेल, हरजिंदर छावड़ा, डोमन साहू, नारायण साहू, कृष्णकांत चंद्रा, चमेली जीराम, बिंदु साहू, तपन रॉय, संतोष श्रीवास्तव, खुशबू चक्रधारी, संजीव यादव एवं मेवालाल साहू सम्मिलित रहे।

छत्तीसगढ़ के सर्व समाज ने लिया संकल्प
महासम्मेलन में उपस्थित राष्ट्रीय एवं जिला अध्यक्षों ने सामूहिक संकल्प लिया:
“हम सभी समाजों के लोग, ऋषियों के वंशज, भारत माता के संतान, एक हैं।
हम सभी समाज में समन्वय के माध्यम से सामाजिक लोकतंत्र का पालन करते हुए समाज में एकता, सद्भाव और समानता उत्पन्न करेंगे। इसके द्वारा हम सभी समाजों में सामाजिक समरसता स्थापित कर जातिवाद, भाषावाद, प्रांतवाद की दुर्भावनाओं को त्यागेंगे, छुआछूत की भावना को मिटाएँगे और एकता भाव से राष्ट्र निर्माण हेतु अपना सामाजिक एवं व्यक्तिगत योगदान देंगे। हम सब राष्ट्र निर्माण के लिए दृढ़ संकल्प लेते हैं।”

यहाँ समाचार को शीर्षक के साथ हिंदी में लिखा गया है:

छत्तीसगढ़ में सामाजिक समरसता की दिशा में ऐतिहासिक पहल के लिए प्रान्त उत्कृष्ट नागरिक सम्मान

छत्तीसगढ़ में सामाजिक समरसता और उत्थान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए सर्व समाज समन्वय महासभा, छत्तीसगढ़ ने अपने प्रांतीय महासम्मेलन में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए। इस अवसर पर सामाजिक समरसता कार्य हेतु वरिष्ठ राजमहंत श्री दशेराम खांडे (महंतवाड़ा, बिलासपुर, सतनामी समाज) एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के श्री शिव कश्यप (कोरबा) को छत्तीसगढ़ प्रांत उत्कृष्ट नागरिक सम्मान प्रदान किया गया।

परम पूज्य गुरु घासीदास जी: सामाजिक समरसता के पुरोधा पुस्तक का हुआ विमोचन

इसके अतिरिक्त, सामाजिक समरसता के महत्व को बढ़ावा देने हेतु भूपेंद्र शर्मा द्वारा लिखित, एम. एल कोसरिया राजमहंत एवं वरिष्ठ राजमहंत दशेराम खांडे द्वारा परीक्षित, तथा प्रोफेसर डॉ. संजीव वशिष्ठ द्वारा सम्पादित पुस्तक “परम पूज्य गुरुघासीदास: सामाजिक समरसता के पुरोधा” का विमोचन भी किया गया। इस प्रकार महासम्मेलन ने छत्तीसगढ़ में जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को समाप्त कर समाज में एकता, सद्भाव और समानता स्थापित करने का ऐतिहासिक संदेश दिया।

 

WEENEWS DESK
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