गरियाबंद, 29 अक्टूबर 2025।
नक्सल प्रभावित इलाकों में विश्वास और विकास की नई राह बनाने के उद्देश्य से गरियाबंद पुलिस ने बुधवार को थाना मैनपुर क्षेत्र के ग्राम मटाल और राजाडेरा में कम्युनिटी पुलिसिंग कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा स्वयं टीम के साथ ग्रामीणों के बीच पहुँचे और उनकी समस्याएँ सुनीं।
पुलिस अधीक्षक ने गांव के महिलाओं, बच्चों और प्रमुख नागरिकों से सीधे संवाद कर उनकी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी दिक्कतों — जैसे बिजली, पानी, स्कूल भवन, सड़क आदि के विषय में जानकारी ली। ग्रामीणों ने अपनी समस्याएँ खुलकर रखीं, जिन पर एसपी निखिल राखेचा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से तत्काल चर्चा कर शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों के लिए सौगात — बैग, साड़ी और साल का वितरण
कार्यक्रम के दौरान बच्चों में हर्ष का माहौल देखने को मिला। पुलिस अधीक्षक ने स्कूली बच्चों को स्कूल बैग, बिस्किट और चॉकलेट वितरित किए। वहीं, महिलाओं और पुरुषों को साड़ी और साल भेंट कर सम्मानित किया गया।
स्वास्थ्य विभाग की पहल — निःशुल्क चिकित्सा शिविर
कार्यक्रम के साथ-साथ समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर की टीम ने निःशुल्क मेडिकल कैम्प लगाया।
डॉ. चमन कण्ड्रा के नेतृत्व में टीम ने ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और आवश्यक दवाइयाँ वितरित कीं। ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक चिकित्सा शिविर का लाभ उठाया और इस पहल की सराहना की।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भरोसे का संदेश
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शासन की आत्मसमर्पण नीति का उद्देश्य उन नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ना है, जो समाज और परिवार से दूर हिंसा के रास्ते पर चले गए हैं। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने के इच्छुक माओवादी स्थानीय थाना, पुलिस कैंप या 94792-27805 नंबर पर संपर्क कर हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
पुलिस ने मटाल और राजाडेरा गांवों में पोस्टर और जागरूकता संदेश भी लगाए हैं, ताकि सक्रिय नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर शांति और विकास की राह में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा सके।
ग्रामीणों ने जताया आभार
ग्रामीणों ने गरियाबंद पुलिस की इस पहल को “जनसंपर्क से जनविश्वास” की दिशा में बड़ा कदम बताया।
उनका कहना था कि पुलिस की यह मुहिम केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि संवेदनशील प्रशासनिक पहल का उदाहरण है।