गरियाबंद। सरस्वती शिशु मंदिर गरियाबंद में संघ के 100वें वर्ष के अवसर पर सप्तशक्ति संगम का जिलास्तरीय वक्ता प्रशिक्षण आयोजन किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना एवं रूपरेखा प्रांत सह संयोजिका दीदी ताकेश्वरी साहू ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि नारी शक्ति के भीतर सप्त गुणों — कीर्ति, श्री, वाक्, स्मृति, मेधा, धृति और क्षमा — का संगम होता है। साथ ही संघ के 100वें वर्ष में पंच परिवर्तन के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
वक्ता के रूप में माता जी चन्द्रलेखा गुप्ता ने कुटुंब प्रबोधन विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि समाज को एकल नहीं, अपितु संयुक्त परिवार की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने मानसिक और भौतिक वातावरण को शुद्ध तथा सकारात्मक रखने हेतु पर्यावरण संरक्षण में सभी के योगदान की आवश्यकता बताई।
सप्तशक्ति संगम की जिला संयोजिका दीदी Adv. विनीता शर्मा ने भारत के विकास में महिलाओं के योगदान विषय पर बोलते हुए कहा कि नारी को सुमति और प्रबुद्ध होकर परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी भूमिका को सशक्त बनाना चाहिए।
इसके पश्चात् सह संयोजिका दीदी हीरामणी साहू ने मातृशक्तियों को अपनी सप्त शक्तियों को जागृत करने की प्रतिज्ञा दिलाई और कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।
इस वक्ता प्रशिक्षण में कुल 45 मातृशक्तियों की सहभागिता रही। कार्यक्रम में प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख एवं राजिम विभाग समन्वयक मानिकलाल साहू का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। सफल आयोजन के लिए जिला प्रभारी चैन सिंह बघेल, ग्राम भारती अध्यक्ष कैलाश शुक्ला, जिला समन्वयक ग्राम भारती मालाराम रात्रे एवं प्रधानाचार्य देवभोग मनोज रघुवंशी का सहयोग सराहनीय रहा।
