IndiGo Crisis: इंडिगो संकट पर आज यानी बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि स्थिति वाकई एक बड़ा संकट है. दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को इंडिगो संकट संज्ञान लेते हुए केंद्र से यह स्पष्टीकरण मांगा कि इस स्तर का संकट आखिर उत्पन्न हुआ कैसे. पिछले नौ दिनों में इंडिगो एयरलाइंस की 4600 से अधिक उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं. इससे यात्री परेशान हुए हैं. अदालत ने इंडिगो संकट न रोक पाने पर सरकार से सवाल किया और कहा कि इससे सिर्फ यात्री नहीं, पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई.
दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने कहा कि सवाल यह है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न क्यों हुई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? यह एयरपोर्ट्स पर फंसे व्यक्तिगत यात्रियों का सवाल नहीं है. सवाल अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का है. इंडिगो संकट पर न्यायिक जांच और मुआवजे की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में आज यानी बुधवार को जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, जब सरकार कार्रवाई कर रही है तो आप अब क्या चाहते हैं? इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पिछले चार दिनों में फ्लाइट रद्द होने की संख्या घटी है. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि स्थिति वाकई एक बड़ा संकट है.
डीजीसीए ने इंडिगो से भेजे नोटिस में कहा है कि…
कोर्ट ने किराए पर चिंता जताई
हाईकोर्ट बेंच ने पूछा कि यात्रियों के साथ एयरलाइन कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर क्या कदम उठाए गए. पायलटों के कार्य समय से जुड़ी गाइडलाइंस समय पर लागू न होने पर भी कोर्ट ने जवाब तलब किया. कोर्ट ने किरायों में भारी बढ़ोतरी पर चिंता जताई और कहा कि 4-5 हजार रुपए से बढ़कर टिकट 30-40 हजार रुपए तक कैसे पहुंचे. इस पर ASG ने बताया कि सरकार ने किराए पर सख्त कैप लगाया है और इंडिगो को फरवरी 2026 तक एकबारगी छूट दी गई है.