वाराणसी । Controversial statement : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के 47वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने छात्राओं को लिव-इन रिलेशनशिप से दूर रहने की सलाह दी, जिसका वीडियो वायरल हो गया है।
राज्यपाल ने भावुक अंदाज में कहा, बेटियों से एक ही बात कहूंगी, लिव-इन रिलेशन मत करिए, मत करिए। अपने जीवन का निर्णय स्वयं करिए। देखा है ना 50-50 टुकड़े होते हैं। पिछले दस दिनों से ऐसी घटनाओं की जानकारी मिल रही है। देखती हूं तो कष्ट होता है कि हमारी बेटियां ऐसा क्यों करती हैं।
यह बयान 8 अक्टूबर को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समारोह के दौरान दिया गया, जहां पहली बार कैंपस के बाहर दीक्षांत समारोह हुआ। राज्यपाल ने समारोह में कुल 55,642 स्नातक छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं, जिनमें 34,252 छात्राएं और 21,387 छात्र शामिल थे। इसके अलावा, 15,321 स्नातकोत्तर छात्रों (11,484 छात्राएं और 11,484 छात्र) को उपाधियां दी गईं।
178 शोधार्थियों को पीएचडी प्रदान की गई, जबकि 101 मेधावी छात्रों को 103 गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री प्रोफेसर सरोज चूड़ामणि (AIIMS, नई दिल्ली) मौजूद रहीं।
राज्यपाल की चिंता: महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और शोषण
आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसक घटनाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि उन्होंने 40 बेटियों को एक बंद कमरे में बुलाकर उनकी बातें सुनीं, जहां चार लड़कियों ने खुलासा किया कि उनके पिता, मामा, काका या पड़ोसी ने उनका शोषण किया। ये पीड़िताएं पुलिस स्टेशन पहुंचीं, एफआईआर दर्ज कराई और अपराधी अब जेल में हैं। राज्यपाल ने पॉक्सो एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं समाज के लिए शर्मनाक हैं।
उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को “आम खाने जैसा” बताया, जहां लोग फल तो चख लेते हैं लेकिन गुठली (परिणाम) छोड़ जाते हैं। उनका कहना था कि ऐसे रिश्ते अक्सर शोषण का माध्यम बन जाते हैं, खासकर जब युवतियां 15-20 साल की उम्र में फंस जाती हैं। राज्यपाल ने अनाथालयों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जाकर लिव-इन के दर्दनाक परिणाम देखे जा सकते हैं।
यह उनका पहला ऐसा बयान नहीं है; हाल ही में बलिया के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी उन्होंने इसी मुद्दे पर चिंता व्यक्त की थी।
सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं
यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जहां एक ओर लोग राज्यपाल की सलाह को व्यावहारिक और मातृसुलभ बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसे पुरातनवादी और महिलाओं की आजादी पर अंकुश लगाने वाला करार दे रहे हैं। ट्विटर (अब एक्स) पर #AnandibenPatel और #LiveInRelationship हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “राज्यपाल जी सही कह रही हैं, आजकल के रिश्ते नाजुक हो गए हैं।” वहीं, एक फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट ने टिप्पणी की, “महिलाओं को डराने की बजाय शिक्षा और कानूनी सुरक्षा पर फोकस करें।”
राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने इसे “महिलाओं के सशक्तिकरण के खिलाफ” बताया, जबकि भाजपा समर्थकों ने इसे “मातृत्वपूर्ण सलाह” कहा। यह घटना उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और आधुनिक रिश्तों के बीच बहस को नई गति दे रही है। राज्यपाल का यह बयान न केवल छात्राओं के लिए एक चेतावनी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक आईना भी। क्या यह सलाह बदलेगी युवा पीढ़ी का नजरिया? समय ही बताएगा।