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BREAKING: एक करोड़ 16 लाख के इनामी दो बड़े नक्सली ढेर, नक्सल संगठन को बड़ा झटका

15 Aug 2025 | WEENEWS DESK | 16 views
BREAKING: एक करोड़ 16 लाख के इनामी दो बड़े नक्सली ढेर, नक्सल संगठन को बड़ा झटका
Mohla-Manpur.� मोहला-मानपुर। छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर जिले में बुधवार की देर शाम हुई एक बड़ी मुठभेड़ में पुलिस और केंद्रीय बलों ने नक्सल संगठन के दो बड़े नेताओं को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ मदनवाड़ा थाना क्षेत्र के बंडा पहाड़ इलाके में हुई, जिसमें कुल एक करोड़ 16 लाख के इनामी माओवादी मारे गए। पुलिस के मुताबिक, मारे गए नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य विजय रेड्डी और डिविजनल कमेटी सचिव लोकेश सलामे थे।

इनामी नक्सली और अपराधों का लंबा रिकॉर्ड
पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने बताया कि विजय रेड्डी पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार ने 25-25 लाख रुपये तथा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकार ने 20-20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जो कुल 90 लाख रुपये होता है। वहीं, लोकेश सलामे पर छत्तीसगढ़ में 10 लाख और महाराष्ट्र में 16 लाख रुपये का इनाम था, जो कुल 26 लाख रुपये है। इस तरह, दोनों नक्सलियों पर कुल इनाम राशि 1 करोड़ 16 लाख रुपये थी। विजय रेड्डी के खिलाफ 42 और लोकेश सलामे के खिलाफ 37 गंभीर अपराधों के मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं, जिनमें हत्या, अपहरण, विस्फोट और पुलिस पार्टी पर हमले जैसे अपराध शामिल हैं।

संयुक्त ऑपरेशन और मुठभेड़ की कहानी
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि बंडा पहाड़ और उसके आसपास के इलाके में भारी संख्या में माओवादी मौजूद हैं। इसके बाद मानपुर क्षेत्र से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय अर्धसैनिक बल इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की टीम को ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया। साथ ही, पहाड़ के उस पार से कांकेर जिले की पुलिस पार्टी भी आगे बढ़ी। दोनों जिलों की पुलिस ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जब पुलिस बल बंडा पहाड़ के नजदीक पहुंचा, तो घात लगाकर बैठे माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में जवानों ने भी मोर्चा संभाला। दोनों ओर से घंटों तक गोलीबारी चली। अंततः माओवादियों को पीछे हटना पड़ा और गोलीबारी थमने के बाद इलाके की सघन तलाशी ली गई।

मौके से बरामद हथियार और सामान
तलाशी के दौरान पुलिस ने दो नक्सलियों विजय रेड्डी और लोकेश सलामे के शव बरामद किए। मौके से एक इंसास रायफल, एक .303 रायफल, भारी मात्रा में कारतूस, कार्डेक्स वायर, रेडियो, वॉकी-टॉकी, कपड़े, दवाइयां और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं जब्त की गईं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन हथियारों और सामग्रियों का इस्तेमाल नक्सली सुरक्षा बलों पर हमले की योजना में करते थे।

नक्सल संगठन को बड़ा झटका
मारे गए दोनों नक्सली राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर डिविजन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल थे और मोहला-मानपुर, कांकेर व राजनांदगांव जिलों में सक्रिय थे। विजय रेड्डी, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का वरिष्ठ सदस्य था, जबकि लोकेश सलामे डिविजनल कमेटी सचिव के पद पर था। विशेषज्ञों का मानना है कि इन दोनों नेताओं की मौत से आरकेबी (राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर) डिविजन को बड़ा नुकसान हुआ है और इसका सीधा असर माओवादी गतिविधियों पर पड़ेगा। पुलिस का दावा है कि इस मुठभेड़ से मोहला-मानपुर क्षेत्र के नक्सल मुक्त होने की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं।

स्थानीय लोगों में राहत की भावना
इस एनकाउंटर की खबर फैलते ही स्थानीय ग्रामीणों में राहत की भावना देखी गई। लंबे समय से इस क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी से लोगों में भय का माहौल था। कई बार ग्रामीणों को नक्सली जनअदालत में पेश कर सजा देते थे। अब, बड़े नेताओं के मारे जाने से लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सुरक्षा बलों की लगातार मौजूदगी से उनका इलाका शांतिपूर्ण होगा।

सरकार और पुलिस का बयान
पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने कहा, "यह मुठभेड़ हमारी संयुक्त रणनीति और खुफिया इनपुट के सही उपयोग का परिणाम है। हमने नक्सल संगठन के शीर्ष नेतृत्व को समाप्त किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा ताकि बचे हुए नक्सलियों को भी पकड़ा या खत्म किया जा सके। वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने इस ऑपरेशन में शामिल डीआरजी, आईटीबीपी और जिला पुलिस बल के जवानों की सराहना की है और इसे माओवादी हिंसा के खिलाफ बड़ी सफलता बताया है।

आगे की रणनीति
सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि मोहला-मानपुर और आसपास के इलाकों में अब ऑपरेशन तेज किया जाएगा। जंगलों में छिपे बाकी नक्सली कैडरों को खत्म करने के लिए लगातार दबाव बनाया जाएगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में विश्वास बहाली के लिए विकास कार्यों और सामाजिक योजनाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह मुठभेड़ न केवल नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका है, बल्कि इसने सुरक्षा बलों के मनोबल को भी ऊंचा किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसी तरह के सटीक और संयुक्त ऑपरेशन जारी रहे, तो आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के कई नक्सल प्रभावित जिलों को पूरी तरह माओवादी आतंक से मुक्त किया जा सकता है।

WEENEWS DESK
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