रायपुर। रायपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। साइबर ठगी के शिकार आमासिवनी निवासी महिला की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए रेंज साइबर थाना, एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट तथा थाना विधानसभा पुलिस की संयुक्त टीम ने उत्तर प्रदेश से 5 अंतर्राज्यीय साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी देशभर में डिजिटल अरेस्ट और झूठे आरोपों के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं।
महिला को किया था डिजिटल अरेस्ट, 2.83 करोड़ की ठगी
प्रकरण की शुरुआत आमासिवनी निवासी सोनिया हंसपाल की शिकायत से हुई, जिन्होंने थाना विधानसभा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उन्हें खुद को साइबर विंग, दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर अज्ञात लोगों ने फोन किया। उन्होंने महिला को डराया कि उनके आधार कार्ड से जुड़े कई फर्जी बैंक खातों में मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है। इसके बाद व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर जुड़े रहने का दबाव बनाकर, 21 मई से 10 जुलाई 2025 तक कुल 2.83 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई।
पुलिस की सघन तकनीकी जांच से मिली सफलता
पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के मार्गदर्शन में एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर, एएसपी क्राइम संदीप मित्तल, डीएसपी क्राइम संजय सिंह, सीएसपी विधानसभा वीरेन्द्र चतुर्वेदी, इंस्पेक्टर मनोज नायक, परेश पाण्डेय और शिवेन्द्र सिंह राजपूत की टीम ने मिलकर त्वरित कार्रवाई की। प्राप्त मोबाइल नंबरों, बैंक खातों और अन्य तकनीकी पहलुओं की गहन जांच कर आरोपियों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और लखनऊ में ट्रेस किया गया। इसके बाद पुलिस की चार सदस्यीय टीम को वहां भेजा गया।
गोरखपुर और लखनऊ से पांच आरोपी गिरफ्तार
संयुक्त टीम ने गोरखपुर से आरोपी आकाश साहू और शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू, जबकि लखनऊ से अनूप मिश्रा, नवीन मिश्रा और आनंद कुमार सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने पूरे नेटवर्क का खुलासा किया।
ठगी के तौर-तरीके: 40 फर्जी कंपनियां और बैंक खातों का जाल
आरोपी आकाश और शेर बहादुर सिंह सिम कार्ड जुटाकर व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से डराने-धमकाने का काम करते थे। जबकि अनूप मिश्रा, नवीन मिश्रा और आनंद कुमार सिंह ने मिलकर 40 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई थीं जैसे – श्री नारायणी इंफ्रा डेवलपर्स, श्री गणेशा डेवलपर्स, अर्बन एज इंफ्रा बिल्डकॉम, पावन धरा बिल्डकॉम, आदि। इन कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोलकर ठगी की रकम का लेन-देन और नकद निकासी की जाती थी। आनंद सिंह देवरिया में PNB ग्राहक सेवा केंद्र भी संचालित करता था, जिसका इस्तेमाल ठगी में किया जाता था।
जब्ती और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों के पास से कई बैंक खाते, चेक बुक, मोबाइल फोन और सिम कार्ड ठगी की रकम में से ₹43 लाख की राशि होल्ड कराई गई है। अन्य आरोपी फरार, संपत्ति जब्ती की तैयारी चल रही है और प्रकरण में कुछ अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों द्वारा जुटाई गई संपत्ति का ब्यौरा एकत्र किया जा रहा है और जल्द ही उसे अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी।
गिरफ्तार आरोपी
आकाश साहू (24), उंचेर, गोरखपुर, यूपी
शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू (29), उंचेर, गोरखपुर, यूपी
अनूप मिश्रा (48), कैलाशपुरी, लखनऊ, यूपी
नवीन मिश्रा (41), पटेल नगर, लखनऊ, यूपी
आनंद कुमार सिंह (35), रुद्रपुर, देवरिया, यूपी
थाना विधानसभा में दर्ज अपराध
आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 345/25 के तहत धारा 318(4), 3(5) भारतीय न्याय संहिता (BNS) में प्रकरण दर्ज किया गया है।