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रायपुर पुलिस की कस्टडी में करणी सेना उपाध्यक्ष के परिवार संग अमानवीयता के आरोप में करणी सेना ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

20 Nov 2025 | WEENEWS DESK | 40 views
रायपुर पुलिस की कस्टडी में करणी सेना उपाध्यक्ष के परिवार संग अमानवीयता के आरोप में करणी सेना ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रायपुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर और उनके परिजनों के साथ पुलिस हिरासत (कस्टडी) में अमानवीय व्यवहार किए जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। रायपुर पुलिस के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर मारपीट, दुर्व्यवहार और महिलाओं के साथ अश्लीलता का संगीन आरोप लगा है। इस घटना से आक्रोशित समस्त राजपूत समाज छत्तीसगढ़ ने बिलासपुर कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक विस्तृत ज्ञापन भेजकर तत्काल उच्चस्तरीय कार्रवाई की माँग की है।


राजपूत समाज द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार, यह घटना वीरेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी के बाद हुई। आरोपों में कहा गया है कि गिरफ्तारी के पश्चात कस्टडी के दौरान पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ मानवीय अधिकारों का घोर उल्लंघन किया, बल्कि महिलाओं, जिनमें तोमर की पत्नी श्रीमती भावना तोमर भी शामिल हैं, उनके साथ अशोभनीय और अश्लील हरकतें की गईं। इसके अतिरिक्त, पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने वीरेंद्र सिंह तोमर को सार्वजनिक स्थल पर प्रताड़ित किया। इसमें मारपीट करना, सड़क पर जुलूस निकालना और बीच सड़क पर उनके शरीर पर जूता रखकर समाज को अपमानित करने जैसा कानून विरुद्ध आचरण शामिल है। राजपूत समाज ने स्पष्ट किया है कि वे तोमर के मूल अपराध का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि पुलिस द्वारा संविधान और पुलिस मैनुअल का उल्लंघन कर किए गए अमानवीय कृत्य के खिलाफ हैं।


क्या है प्रमुख माँगें


क्षत्रीय समाज ने इस पूरे मामले को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए तत्काल कार्रवाई की माँग की है। थाना प्रभारी योगेश कश्यप और संबंधित सीएसपी राजेश देवांगन को तत्काल निलंबित कर उनके विरुद्ध आपराधिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। पुलिस अधीक्षक रायपुर (आईपीएस) लाल उम्मेद सिंह पर प्रशासनिक लापरवाही और कस्टोडियल एक्सेस के लिए संवैधानिक धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत करते हुए उन्हें पदमुक्त किया जाए। सार्वजनिक स्थल पर दुर्व्यवहार करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दंडात्मक कार्रवाई और एफआईआर की जाए। पूरे मामले की जाँच के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच टीम का गठन किया जाए। तोमर परिवार को हुए आर्थिक और मानसिक क्षति के लिए मानहानि का मुकदमा दर्ज कर दोषी अधिकारियों से भरपाई की जाए।

समाज ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिसंबर तक दोषियों पर कठोर और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई तो, संपूर्ण राजपूत समाज रायपुर में व्यापक सत्याग्रह और विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन सौंपने वालों में किशोर सिंह, अमन सिंह, राजेश सिंह, कमलेश सिंह, अजय सिंह, वीरेंद्र सिंह, जय सिंह समेत छत्तीसगढ़ क्षत्रिय समाज के कई पदाधिकारी

शामिल थे।

WEENEWS DESK
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