ग्वालियर। आईएनएच एवं हरिभूमि समाचार पत्र समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के पूज्य पिताश्री स्वर्गीय कीर्ति नारायण द्विवेदी का अंतिम संस्कार मंगलवार को लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में अत्यंत श्रद्धा और सम्मान के साथ संपन्न हुआ। नम आंखों के बीच उनके बड़े पुत्र डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने परंपरानुसार मुखाग्नि देकर पितृ–कर्तव्य का पालन किया।
अंतिम यात्रा सिंधी कॉलोनी स्थित निवास से आरंभ हुई, जहाँ सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। सबसे पहले राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, भाजपा विधायक मोहन सिंह राठौर सहित अनेक गणमान्य नागरिक पहुंचे और दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए। “राम नाम सत्य है” के गगनभेदी स्वर के बीच जैसे ही शव वाहन मुक्तिधाम पहुंचा, वातावरण भावुक हो उठा। मुक्तिधाम में मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा विधायक मोहन सिंह राठौड़, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, डॉ. ए.एस. भल्ला, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष भूपेंद्र द्विवेदी, एडवोकेट पवन पाठक, डॉ. अशोक मिश्रा सहित अनेक वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।
परिवार की ओर से छोटे पुत्र एडवोकेट रवि द्विवेदी तथा अन्य परिजन मौजूद रहे, जिन्होंने भारी मन से अपने प्रियजन को अंतिम विदाई दी।
श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे नेताओं व शहर के वरिष्ठजनों ने कहा कि स्वर्गीय कीर्ति नारायण द्विवेदी का जीवन सादगी, विनम्रता और कर्मशीलता की मिसाल था। वे लोगों को जोड़ने वाले, सौम्य स्वभाव के और रिश्तों को निभाने वाले व्यक्ति थे। उनके देवलोक गमन को सभी ने समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। उपस्थित जनों ने दिवंगत आत्मा की शांति तथा परिवार को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की।
गौरतलब है कि कीर्ति नारायण द्विवेदी, हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद रहे पं. बृजनारायण ‘बृजेश’ के मंझले सुपुत्र थे। वह मध्य प्रदेश शासन के कृषि विभाग में लंबे समय तक अधिकारी रहे। स्व. द्विवेदी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं – बड़े पुत्र डॉ. हिमांशु द्विवेदी व पुत्रवधु पूजा द्विवेदी, छोटे पुत्र रवि द्विवेदी व पुत्रवधु कीर्ति द्विवेदी (ग्वालियर हाईकोर्ट के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता), तथा पुत्री डॉ. राखी और दामाद डॉ. अविनाश शर्मा (ख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ) शामिल हैं।
तत्कालीन गुना जिले के ईशागढ़ में जन्में स्व. द्विवेदी ने ग्वालियर स्थित कृषि महाविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की थी। उनका विवाह ग्वालियर के प्रतिष्ठित पटेरिया परिवार की श्रीमती रमा द्विवेदी के साथ हुआ था। स्वर्गीय द्विवेदी के सरल, समर्पित और प्रेरणादायी व्यक्तित्व को हमेशा स्मरण किया जाएगा।