मुठभेड़ में बरामद शव की पहचान
1. DVCM कन्ना ऊर्फ बुचन्ना ऊर्फ बुचन्ना कुड़ियम उम्र 35 वर्ष निवासी गुडडीपाल थाना मोदकपाल जिला बीजापुर पदनाम- डीव्हीसीएम, प्रभारी मद्देड़ एरिया कमेटी, ईनाम 08.00 लाख रूपये
कन्ना उर्फ बुचन्ना माओवादियों के बड़े कैडर था, जो कई नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड रहा है। इसके द्वारा पिछले एक दशक में पुलिस, आम नागरिकों और विकास कार्यों को निशाना बनाने वाली कई घटनाएं घटित की गईं। कन्ना ऊर्फ बुचन्ना के विरूद्ध जिला बीजापुर के अलग-अलग थानों में 42 आपराधिक मामले पंजीबद्ध है । कन्ना ऊर्फ बुचन्ना के विरूद्ध जिले के अलग-अलग थानों में 18 स्थाई वारंट लंबित है ।
उसके खिलाफ दर्ज प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित हैं —
- कैम्प अटैक — जुलाई 2008 में कोंगुपल्ली पुलिस पोस्ट और जनवरी 2016 में नुकनपाल कैम्प हमला में शामिल, जो सुरक्षाबलों की तत्परता से असफल रही।
- ग्रामीणों की हत्या — पुलिस मुखबिरी के संदेह में 20 से ज्यादा ग्रामीणों की हत्या में शामिल, जिनमें वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत चिन्नाकोडेपाल के उपसरपंच की हत्या भी शामिल है।
- IED ब्लास्ट — कुल छह आईईडी विस्फोटों का मुख्य योजनाकार था । नवंबर 2017 में थाना भद्रकाली क्षेत्र में हुए एक विस्फोट में आरक्षक संतोष यादव शहीद हुए थे।
- आगजनी — फरवरी 2018 में कांकेर रोडवेज़ की यात्री बस सहित चार वाहनों को आग लगाने की घटनाओं का मास्टरमाइंड था।
- डकैती — दिसंबर 2024 में थाना फरसेगढ़ क्षेत्र के ग्राम गुज्जाकोंटा में डकैती की वारदात को अंजाम दिया।
- मोबाइल टावर जलाना — चिन्नाकवाली (अप्रैल 2025), आदेड़ (मई 2024) और कांदुलनार (जून 2025) में संचार टावर जलाने की घटनाओं का संचालन किया, ताकि जनता के संपर्क तंत्र को बाधित किया जा सके।
- शिक्षादूतो का अपहरण एवं हत्या — वर्ष 2025 में नेशनल पार्क एरिया में पील्लूर एवं टेकामेटा के दो शिक्षादूतो का अपहरण कर हत्या करने की घटना में शामिल था ।
- कन्ना ऊर्फ बुचन्ना की मौत से क्षेत्र में फैले आतंक के एक लंबे अध्याय का अंत हुआ है। घटनास्थल से बरामद दस्तावेज़ों, डिजिटल उपकरणों एवं सामग्री से पुलिस को यह संकेत मिले हैं कि बुचन्ना का अर्बन नेटवर्क से गहरा संपर्क था। पुलिस की टीमें अब इस नेटवर्क के तार खंगालने में जुटी हैं, और शीघ्र ही उससे जुड़े महत्वपूर्ण खुलासे किये जायेंगे।
2. DVCM उर्मिला पति पापाराव (DKSZCM), निवासी चिंतलनार जिला सुकमा, सचिव, पामेड़ एरिया कमेटी, ईनाम 08.00 लाख रूपये
उर्मिला मोस्ट वांटेड माओवादी कैडर पापाराव की पत्नी थी, जो प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल है। दोनों लंबे समय से क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रहे थे। पामेड़ एरिया कमेटी, में सचिव के पद पर सक्रिय थी, माओवादी संगठन की सबसे हिंसक एरिया कमेटियों में से एक मानी जाती है। हाल के वर्षों में आम ग्रामीणों की हत्या की सर्वाधिक घटनाएं इसी एरिया कमेटी के अंतर्गत हुई हैं। उर्मिला इस कमेटी की सचिव होने के साथ-साथ संगठन के राजनीतिक विंग में भी सक्रिय रही । वह स्थानीय स्तर पर माओवादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना नए सदस्यों को भय दिखाकर संगठन में भर्ती करने और ग्रामीण समर्थन जुटाने की जिम्मेदारी उर्मिला की थी। वह PLGA बटालियन की रसद व्यवस्था (Supply Chain) संभालती थी। बटालियन को आवश्यक राशन, वर्दी, दवाइयाँ और सामग्री पहुँचाने की पूरी जिम्मेदारी उर्मिला की थी। इसके माध्यम से वह संगठन की लॉजिस्टिक सप्लाई लाइन का प्रमुख कड़ी बनी हुई थी। उर्मिला की मौत से न केवल पामेड़ एरिया कमेटी की गतिविधियों को गहरा आघात पहुँचा है, बल्कि PLGA बटालियन की आपूर्ति व्यवस्था पर भी चोट हुई है। यह माओवादी संगठन के लिए एक दोहरा झटका साबित हुआ है।
3. ACM जगत तामो ऊर्फ मोटू निवासी फुल्लोड़ थाना जांगला जिला बीजापुर, पदनाम- एसीएम, मद्देड़ एरिया कमेटी, ईनाम 05.00 लाख रूपये
4. PM देवे, निवासी मीनागट्टा थाना पामेड़ जिला बीजापुर, पदनाम- पार्टी सदस्य, पामेड़ एरिया कमेटी , ईनाम 02.00 लाख रूपये
5. PM भगत, निवासी भैरमगढ जिला बीजापुर, पदनाम- पार्टी सदस्य, मद्देड़ एरिया कमेटी सदस्य, ईनाम 02.00 लाख रूपये
6. PM मंगली ओयाम निवासी पेद्दोजोजेर थाना गंगालूर जिला बीजापुर, पदनाम पार्टी सदस्या, ईनाम 02.00 लाख रूपये
मुठभेड़ स्थल से बरामद सामग्री विवरण:-
1. 02 नग इंसास रायफल,05 मैग्जीन, 68 कारतूस
2. 01 नग 9mm काबाईन, 03 मैग्जीन, 22 कारतूस
3. 01 नग .303 रायफल, 01 मैग्जीन 13 कारतूस
4. 01 नग Single Shot Rifle,
5. 01 नग 12 बोर बंदूक, 08 कारतूस
6. रेडियो, स्केनर, मल्टीमीटर, हेण्ड ग्रेनेड,सेफ्टी फ्यूज, माओवादी साहित्य, पोच, माओवादी वर्दी, मेडिकल सामग्री एवं अन्य सामग्री
पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ0 जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि- वर्ष 2025 में जिले में हुए अलग-अलग मुठभेड़ों में 144 माओवादी को मार गिराने में सुरक्षा बलों को सफलता मिली है। वही अलग अलग थाना क्षेत्रों में चलाये गये अभियान में 499 माओवादी गिरफ्तार हुए एवं 560 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया ।
जनवरी 2024 से अब तक जिले में चलाये गये माओवादी विरोधी अभियान में कुल 202 माओवादी मारे गये, 1002 माओवादी गिरफ्तार हुए एवं 749 माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए ।
“हमारा लक्ष्य स्पष्ट है — एक शांतिपूर्ण और नक्सल-मुक्त बस्तर
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, सुन्दरराज पट्टलिंगम ने बताया कि बस्तर में पुलिस, सुरक्षा बल तथा अन्य हितधारकों के द्वारा बेहतर आपसी समन्वय और सहयोग के माध्यम से, क्षेत्र में बचे हुए कुछ अंतिम नक्सली ठिकानों को समाप्त करने के लिए अपने अभियानों को और अधिक तेज़ और प्रभावी बना रही है। आईजी बस्तर ने यह भी उल्लेख किया कि ये सतत अभियान सरकार, सुरक्षा बलों और बस्तर की जनता के उस सामूहिक संकल्प को दर्शाते हैं, जिसके तहत क्षेत्र से वामपंथी उग्रवाद जैसी दशकों पुरानी समस्या को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य माओवादियों के प्रभाव से दूरस्थ क्षेत्रों को मुक्त कराना, शांति एवं सुशासन की पुनर्स्थापना करना और समग्र एवं समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करना है। बस्तर संभाग अंतर्गत विगत 20 महिने में संचालित नक्सल विरोधी अभियान में अब तक अनेक Central Committee Members, DKSZC Member, PLGA Cadres सहित कुल 447 माओवादी कैडर्स के शव बरामद की गई। सुन्दरराज पट्टलिंगम ने पुनः दोहराया कि “हमारा लक्ष्य स्पष्ट है — एक शांतिपूर्ण और नक्सल-मुक्त बस्तर। वर्तमान परिस्थितियों में माओवादी संगठन पूरी तरह से घिर चुका है और अब उसके पास हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के अलावा कोई अन्य विकल्प शेष नहीं रह गया है।
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