

प्रभारियों के भरासे कार्यालय, अटक रहे जनता के काम
लचर व्यवस्था: सिहोरा डिवीजन में आधा दर्जन विभाग मुखियाविहीन, निर्णय लेने के अधिकार नहीं होने से हो रहा बिलंब, बार-बार काटने पड रहे चक्कर
प्रशासनिक कार्य हो रहे प्रभावित
सिहोरा
सिहोरा सब डिवीजन के आधा दर्जन से अधिक सरकारी दफ्तर और पद प्रभारियों के जिम्मे हं। लंबे समय से प्रभारियां के हवाले होने के कारण इन कार्यालयां में सरकारी कामों की की लचर व्यवस्था चल रही है। सरकारी विभागों में पद रिक्त होते ही प्रभारियों का दबदबा षुरू हो जाता है। प्रभारियों क निर्णय लेने के अधिकार नहीं होने से कार्याें में देरी हो रही है, जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड रहा है। काम के लिए लोगां को कार्यालयां के बार-बार चक्कर काटने पडते हैं।
जनता से जुड़े अनेक अहम विभागों में जिम्मेदारों के पद खाली हैं और इन पदों का संचालन जूनियर अधिकारियों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। तहसील के कार्यालय में मुखिया के पद रिक्त होने से सिहोरा की उपेक्षा की ओर इशारा कर रहा है। लंबे समय से इन रिक्त पदों को भरने की मांग शासन प्रशासन के जिम्मेदारों से की जा रही है परंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
सीईओ, सीएमओ का पद लंबे समय से खाली
विकासखंड का सबसे बड़ा जनपद कार्यालय भी फिलहाल प्रभारी अधिकारी के भरोसे चल रहा है। यहां एई दीपक गुप्ता साल भर से जनपद सीईओ के प्रभार पर है। सिहोरा तहसील के अंतर्गत 60 ग्राम पंचायतें आती हैं। पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती है। प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं वही जनता से जुड़ी हितग्राहीमूलक योजनाएं भी बाधित हो रही हैं। वहीं नगर पालिका में सीएमओ का पद करीब छह माह से खाली पडा है। जयश्री चैहान को प्रभारी सीएमओ बनाया गया है। वह सप्ताह में दो दिन आती हैं, ऐसे में जनता से जुडे काम लगातार प्रभावित हो रहे हैं।
ये विभाग प्रभारियों के भरोसे ये विभाग
सीईओ सिहोरा
सीएमओ सिहोरा
महिला बाल विकास विभाग
तहसीलदार सिहोरा
सिविल अस्पताल सिहोरा
उद्यानिकी विभाग
बीआरसीसी
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग
इनका कहना
मुझे आपके माध्यम विभागां के प्रभारियों के जिम्मे होने की जानकारी लगी है। कलेक्टर से खाली पडे विभागों के भरने के लिए कहा जाएगा, ताकि जनता के कार्य प्रभावित न हों।
संतोष वरकडे, विधायक सिहोरा
प्रभारियां के जिम्मे चल रहे विभागों को स्थानांतरण के बाद आने वाले अधिकारियों से जल्द भरा जाएगा। हितग्राहीमूलक और जनता से जुडे यदि काम प्रभावित हो रहे हैं तो एसडीएम को निर्देषित किया जाएगा कि वह विभागों का औचक निरीक्षण करें।
नाथूराम गौंड, एडीएम जबलपुर

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