अस्थाई डेम सूखा, दिखने लगे पत्थर और मिट्टी 50000 की आबादी के सामने जल संकट, दो से तीन दिन की आपूर्ति करने खितौला हिरण नदी घाट में बचा पानी सिहोरा तेज गर्मी और लगातार जल के दोहन के कारण हिरन नदी पूरी तरह सूख गई है। हालत यह है कि हिरन नदी के खितौला घाट में सिर्फ कुछ दिन की आपूर्ति के लिए ही पानी शेष बचा। ऐसे में सिहोरा और खितौला की 18 वार्डों में आने वाले कुछ दिनों में भयावह जल संकट की स्थिति बनने लगी। अभी अप्रैल माह की शुरुआत है आने वाले में और जून माह में स्थिति और भयावह हो जाएगी। अस्थायी डेम सूखा, मिट्टी और पत्थर दिख रहे हिरन नदी में लगातार जलस्तर कम होने से बस सूखने की कगार पर पहुंच गई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है खितौला स्थित नगर पालिका के फिल्ट्रेशन प्लांट के पास बने अस्थाई डेम का क्षेत्र पूरी तरह सूख गया है। नीचे की तलहटी से पत्थर मिट्टी साफ दिखाई दे रहे हैं। हर साल बनती है जल संकट की स्थिति हिरन नदी में हो रहे लगातार अवैध उत्खनन के कारण हर साल गर्मी में हिरन नदी सूखने की कगार पर पहुंच जाती है पिछले कुछ वर्षों की बात की जाए तो वर्ष 2016 से लगातार हिरन नदी का जलस्तर कम हो रहा है और वह गर्मी में पूरी तरह सूख जाती है। जल संकट दरवाजे पर, नपा की तैयारी का आता पता नहीं खितौला इससे फिल्ट्रेशन प्लांट में हिरन नदी सूखने से जल संकट दस्तक दे रहा है, लेकिन इसके बावजूद नगर पालिका सिहोरा की जल संकट को लेकर कहीं भी तैयारी का आता पता नहीं है। खास-खास प्रतिदिन सिहोरा में एक लाख गैलन पानी चाहिए जलापूर्ति के लिए लगभग 50000 से अधिक की आबादी है नगर पालिका 18 वार्डों में सिर्फ दो या तीन दिन की आपूर्ति के लिए अस्थायी में बचा है पानी कई वॉर्डों में बोर और हैंड पंप बस है जलापूर्ति के लिए

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