बिलासपुर। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में छत्तीसगढ़ को लेकर कोई विशेष प्रावधान नहीं होने पर राज्य में राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी की पर्व बिलासपुर विधानसभा प्रत्याशी उज्ज्वल कराड़े ने इस बजट को झुनझुना करार दिया है और केंद्र सरकार की आलोचना की है।
उज्ज्वल कराड़े ने कहा, “छत्तीसगढ़ को इस बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। प्रदेश की मांगों को दरकिनार कर दिया गया है और राज्य को कोई विशेष लाभ नहीं दिया गया है। केंद्र सरकार ने हमें झुनझुना पकड़ा दिया है।”
छत्तीसगढ़ की मांगे जो रह गई अधूरी
बजट से पहले, 22 जून 2024 को नई दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान में प्री-बजट बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी से मुलाकात की थी। इस बैठक में छत्तीसगढ़ की ओर से कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गई थीं:
ब्याज रहित ऋण राशि: अंतरिम बजट 2024-25 में ब्याज रहित ऋण राशि 1 लाख करोड़ से घटाकर 55,000 करोड़ कर दी गई थी। इसे पुनः बढ़ाने की मांग की गई थी।
2. स्टेट कैपिटल रीजन के लिए आर्थिक सहायता: नई राजधानी को रायपुर और दुर्ग-भिलाई के साथ मिलाकर एनसीआर की तर्ज पर विकसित करने के लिए फंड की मांग की गई थी।
रेल नेटवर्क का विस्तार: छत्तीसगढ़ के मायनिंग एरिया में रेल नेटवर्क को बढ़ाने की मांग की गई थी, जिससे आम लोगों को भी फायदा हो।
वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बजट को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मोदी सरकार 3.0 कार्यकाल के आज पेश हुए प्रथम बजट में ‘अमृतकाल विजन – 2047’ की स्पष्ट झलक देखने को मिल रही है। यह बजट छत्तीसगढ़ के हर वर्ग के लोगों के लिए लाभकारी है और राज्य के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है इधर उज्वला कराड़े ने मुख्यमंत्री के इस बयान को भी आड़े हाथों लिया और कहा, “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह बयान वास्तविकता से परे है। राज्य की जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर केवल केंद्र सरकार की प्रशंसा करना प्रदेश के हित में नहीं है। छत्तीसगढ़ को जिस आर्थिक सहायता की आवश्यकता थी, वह इस बजट में कहीं भी नहीं दिखी।”
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