बारिश खत्म होते शुरू हो गया लकड़ी के अवैध कारोबार का खेल
बिना टीपी के ग्रामीण क्षेत्रों से आरा मशीनों में ट्रैक्टरों से पहुच रही धड़ल्ले से लकड़ी, शासन को लग रहा लाखों का चूना
सिहोरा
बारिश खत्म होते ही लकड़ी के अवैध कारोबार का खेल एक बार फिर से शुरू हो गया। वन पर क्षेत्र सिहोरा के ग्रामीण क्षेत्र से लकड़ी की अवैध कटाई कर ट्रैक्टरों से बिना टीपी (ट्रांजिक पास) आरा मशीन में धड़ले से लकड़ी पहुंच रही है। लकड़ी के लिए अवैध कारोबार का खेल देर शाम से शुरू होकर पूरी रात चलता है। अवैध लकड़ी के इस अवैध कारोबार में बीट गार्ड से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों का हिस्सा बंधा है। वही ट्रांजिट पास जारी न होने से सरकार को लाखों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक वन परिक्षेत्र सिहोरा के लमकना, पोडा, फनवानी, धनगवां, हरदुआ, मोहला, गौरहा सहित ग्रामीण क्षेत्र से लकड़ी की अवैध कटाई माफिया रात के अंधेरे में सिहोरा और खितौला के लकड़ी के टालों में बेच दी जाती है।
हर ट्रैक्टर ट्रॉली की कीमत फिक्स
सूत्रों की माने तो ट्रैक्टर ट्राली से टालों में पहुंचने वाली अवैध लकड़ी में बीट गार्ड से लेकर ऊपर के अधिकारियों का हिस्सा फिक्स रहता है। जैसी लकड़ी की क्वालिटी उसी हिसाब से रेट फिक्स होता है। लेनदेन होने के बाद रात के अंधेरे में चुपचाप से अवैध लकड़ी से भरी ट्रॉली को टालों तक गुपचुप तरीके से पहुंचा दिया जाता है।
शाम होते ही एडीओ के सामने से निकलती हैं लकड़ी की ट्रॉलियां
नए बस स्टैंड के पास वन विभाग के एसडीओ कार्यालय निवास के सामने शाम के समय बिना ट्रांजिक पास ट्रालियों में भारी अवैध लकड़ी के ट्रैक्टर गुजरते है, लेकिन वन विभाग के हमले ने आज तक एक भी अवैध लकड़ी से भरे ट्रैक्टर पर कार्रवाई नहीं की और न ही उन्हें पकड़ा। जो इस बात की ओर इशारा करता है कि पूरा खेल मिलीभगत से चल रहा है।
हरे भरे पेड़ों को काट-पौल रहे
लकड़ी माफिया खेतों के किनारे लगे हरे भरे वृक्षों को भी नहीं छोड़ रहे। बाकायदा इन वृक्षों को पहले काटा जाता है फिर इन्हें ट्रैक्टर में लूट कर चोरी छुपे लकड़ी के टालों में बेच दिया जाता है।
इनका कहना
ग्रामीण क्षेत्र से अवैध लकड़ी टालों में ट्रैक्टर से पहुंचने की जानकारी मेरे संज्ञान में आई है। इसमें कुछ विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता खबर है। जल्द ही अवैध ट्रैक्टर ट्राली से लकड़ी का परिवहन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वाहनों को राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी।
एमएल बरकड़े, अनुविभागीय अधिकारी वन सिहोरा
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