बिलासपुर।कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर बिलासपुर में कृषि विभाग की टीम ने शुक्रवार को खाद और कृषि दवाई की आधा दर्जन दुकानों पर औचक निरीक्षण किया. इस दौरान पाई गई भारी लापरवाही और गड़बड़ी के आरोप में 5 दुकान मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनसे एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है, और संतोषजनक जवाब न मिलने पर लाइसेंस रद्द या निलंबित करने की चेतावनी दी गई है.
कृषि उप संचालक ने किसानों के हित को देखते हुए निरीक्षण टीम को 'एक्शन मोड' में ला दिया है, और अब प्रतिदिन दुकानों पर दबिश देकर जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
कालाबाजारी रोकने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर
यह कार्रवाई किसानों को सरकार द्वारा तय दरों पर उर्वरक बेचने, कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने, और गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है. साथ ही, विक्रय लाइसेंस की शर्तों के अनुसार रिकॉर्ड संधारण और पीओएस मशीन से उर्वरक बिक्री सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जा रहा है.
इन दुकानों पर हुई कार्रवाई:
20 जून को बिलासपुर कलेक्टर और उप संचालक कृषि के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय निरीक्षण दल ने तखतपुर विकासखंड के अंतर्गत मेसर्स कौशिक कृषि केंद्र सकरी, मेसर्स कौशिक कृषि केंद्र एवं खाद भंडार काठाकोनी, मेसर्स देव बोरवेल्स जोरापारा, मेसर्स ओम साई ट्रेडर्स जरौधा और मेसर्स किसान सेवा केंद्र तखतपुर का औचक निरीक्षण किया.
मेसर्स कौशिक कृषि केंद्र सकरी: यहां स्टॉक रजिस्टर, मूल्य सूची और लाइसेंस प्रदर्शित नहीं किया गया था. साथ ही, एक्सपायर हो चुकी कीटनाशक दवाएं भी पाई गईं, जिनके विक्रय पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया गया और नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
मेसर्स कौशिक कृषि केंद्र एवं खाद भंडार काठाकोनी: इस दुकान पर मूल्य और स्टॉक सूची प्रदर्शित नहीं थी, और निर्धारित प्रारूप में स्टॉक एवं बिल बुक नहीं मिली, जिसके लिए नोटिस जारी किया गया है.
मेसर्स देव बोरवेल्स जोरापारा: इस दुकान को लाइसेंस में 'फार्म ओ' शामिल करने के लिए कड़ी चेतावनी दी गई है.
मेसर्स ओम सांई ट्रेडर्स जरौधा: लाइसेंस का नवीनीकरण न कराने और बिल बुक व स्टॉक रजिस्टर को निरीक्षक से सत्यापित न कराने के लिए चेतावनी के साथ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
मेसर्स किसान सेवा केंद्र तखतपुर: यहां डिस्प्ले बोर्ड पर उर्वरकों की मात्रा अंकित नहीं थी. निर्धारित प्रारूप में स्टॉक रजिस्टर का संधारण नहीं किया गया था. IFMS पोर्टल और गोदाम में रखे उर्वरकों का मिलान नहीं हो रहा था, और उर्वरक रिपोर्ट भी नहीं भेजी गई थी. इसके अलावा, एक्सपायर हो चुकी कीटनाशक दवाएं भी मिलीं, जिनके विक्रय पर रोक लगाकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
इन सभी कृषि केंद्रों को सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण और पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. समय सीमा के भीतर संतोषजनक जवाब न देने पर लाइसेंस निलंबन या निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
निरीक्षण दल में ये अधिकारी थे शामिल:
जिला स्तरीय निरीक्षण दल में अनिल कुमार शुक्ला (सहायक संचालक कृषि), उमेश कश्यप (ग्रा.कृ.वि.अ.), विजय धीरज (ग्रा.कृ.वि.अ.), खेमराज शर्मा (ग्रा.कृ.वि.अ. कार्यालयीन), और विकासखंड तखतपुर के अध्यक्ष ए. के. सतपाल (व.कृ.वि.अ.), श्री आर.एल. पैकड़ा (कृ.चि.अ./उर्वरक निरीक्षक) और नरेश बघेल (ग्रा.कृ.वि.अ.) उपस्थित थे.
डीएपी की कमी के चलते वैकल्पिक उर्वरक उपयोग करने की अपील
उप संचालक कृषि पी.डी. हथेश्वर ने किसानों से अपील की है कि इस साल डीएपी (DAP) की आपूर्ति में कमी को देखते हुए किसान भाई विकल्प के तौर पर यूरिया, एसएसपी (SSP), पोटाश और एनपीके (NPK
) का उपयोग करें.