शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से स्थाई मुक्ति दिलाने की मांग, ज्ञापन सौंपा
सिहोरा
मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ (शासकीय राज्य मान्यता प्राप्त) की ओर से सिहोरा तहसील के शिक्षकों को बी.एल.ओ. (बूथ लेवल ऑफिसर) की ड्यूटी से स्थायी रूप से मुक्त करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी, सिहोरा को सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया कि शिक्षकों का मुख्य कार्य शिक्षण है, और उन्हें बी.एल.ओ. की ड्यूटी से स्थाई रूप से मुक्त किया जाना चाहिए।
संघ का तर्क है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है, क्योंकि वर्तमान में सत्र 2025-26 चल रहा है और पठन-पाठन कार्य शुरू हो चुका है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा का अधिकार कानून 2009 की धारा 27 के अनुसार, शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से दूर रखा जाना चाहिए।
उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए संघ ने राज्य शिक्षा केंद्र के समस्त कलेक्टर को पत्र लिखकर शिक्षक वर्ग को बी.एल.ओ. के दायित्व से मुक्त रखने के निर्देश दिए जाने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपते समय के.जी. पाठक, संजय उरमलिया, अनिल दहिया, शेषराम धुर्वे, आनंद गुप्ता, योगेंद्र मिश्रा, आशीष पहारिया, मनोज राय, राजेश मिश्रा, प्रेम प्रकाश चतुर्वेदी, आशीष दुबे, सुषमा पांडे, मंजू अग्निहोत्री, ममता दुबे, राजेश मिश्रा सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
ज्ञापन में मांग की गई है कि उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सिहोरा तहसील के समस्त शिक्षकों को बी.एल.ओ. कार्य से मुक्त रखा जाए।