नदी तीसरी बार सूखी, दर्जनों गांव के ग्रामीण परेशान क्षेत्र में गहराया जलसंकट : हैंड पंप पड़े बंद सूख गए जल स्रोत
सिहोरा
मानसून के पूरी तरह सक्रिय न होने के कारण कम वर्षा और भूजल के अत्यधिक दोहन के चलते क्षेत्र की जीवनरेखा हिरन नदी लगातार तीसरी बार सूख गई है, जिससे गांधीग्राम क्षेत्र के और आसपास के दर्जनों गांवों में जलसंकट गहरा गया है। जून माह के अंत में नदी की जलधारा का फिर से बंद हो जाना, इस भीषण गर्मी में पानी की कमी की चिंता को दोगुना कर रहा है। इसी जून माह में बरगी दांयी तट की मुख्य केनाल से पानी छोड़े जाने के कारण कुछ समय के लिए नदी में प्रवाह लौटा था, जिससे स्थानीय ग्रामीणों और किसानों को कुछ राहत मिली थी। हालांकि, मानसून की धीमी गति ने इस राहत को अल्पकालिक बना दिया है। अब हिरन नदी फिर से रेगिस्तान जैसी दिख रही है और पानी की भारी किल्लत से जूझ रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भयावह स्थिति....
हिरन नदी का लगातार सूखना और भूजल का अनियंत्रित दोहन इस गंभीर संकट का मुख्य कारण बन गया है। इससे हिरन नदी से लगे गांवों में पीने के पानी की भारी कमी हो गई है और भूजल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोग पेयजल के लिए खेतों के बोरवेल पर निर्भर होने को मजबूर हैं, जो एक अस्थाई समाधान है। विशेषज्ञों का मानना है कि हिरन नदी का पानी ही इन क्षेत्रों में जलस्रोतों में पीने के पानी का स्तर बनाए रखता है। जून माह में तापमान में वृद्धि के साथ, यह जलसंकट और भी विकराल रूप ले रहा है, जिससे हालात भयावह होते जा रहे हैं। सूख गए जलस्रोत, हैंडपंप भी बंद मई और जून में सप्ताह भर बरगी दांयी तट नहर से पानी छोड़ा गया था, लेकिन जून माह में ही यह धार फिर से टूट गई। एक सप्ताह से अधिक समय से बरगी दांयी तट नहर से पानी की आपूर्ति बंद होने के कारण समस्या और गंभीर हो गई है। पानी की आपूर्ति, बड़ी चुनौती हिरन नदी के किनारे और आसपास के गांव जैसे खिन्नी, कैथरा, चन्नौटा, मल्हना, कूड़ा, कंजई, घाटसिमरिया, मोहतरा, ताला, देवरी, और शहजपुरा में जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है। कई गांवों में हैंडपंप सूख गए हैं और अब वे पूरी तरह से बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों के लिए पेयजल की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बन गई है। लोगों का कहना है कि अच्छी बरसात होने पर ही हिरन नदी में पानी की आस क्षेत्र के लोगों को है। स्थानीय प्रशासन और सरकार से इस गंभीर स्थिति पर तत्काल ध्यान देने और स्थायी समाधान खोजने की अपील की जा रही है ताकि क्षेत्र को इस गंभीर जलसंकट से उबारा जा सके।