अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित तीन शासकीय उचित मूल्य दुकानों में करीब 65 लाख की हेराफेरी का मामला सामने आया है। इस घोटाले में समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और चार सहायक विक्रेताओं समेत 6 लोग फंसे है, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा की शिकायत पर की गई। संबंधित समिति जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति घुटरापारा अंबिकापुर शहर में तीन उचित मूल्य की राशन दुकानों का संचालन करती थी। इन दुकानों में लंबे समय से अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं।
समिति अध्यक्ष-उपाध्यक्ष समेत 6 पर FIR
समिति के अध्यक्ष पवन सिंह, उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा, सहायक विक्रेता फरहान सिद्धीकी, प्रिंस जायसवाल, सैफ अली और मुकेश यादव इन दुकानों का संचालन देख रहे थे। जब कलेक्टर विलास भोसकर ने जांच कराई, तो आरोप साबित पाए गए।
65 लाख की हेराफेरी
जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि गरीबों का राशन खुले बाजार में बेची जा रही थी। एक सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 तक की अवधि में तीनों दुकानों से चावल, शक्कर और चना की भारी कमी पाई गई। जांच में पाया गया कि 1631.29 क्विंटल चावल (मूल्य ₹61,62,267), 10.43 क्विंटल शक्कर (₹49,160) और 48.34 क्विंटल चना (₹2,92,692) गायब था। इस तरह कुल ₹64,94,120.67 के खाद्यान्न का गबन किया गया।
इस मामले में सभी छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।