बिलासपुर: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) ने 4 नवंबर को नेहरू चौक में एक दिवसीय धरना आयोजित किया। इस धरना प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ की बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों पर सरकार की निंदा की गई।
धरना को सम्बोधित करते हुए शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में ‘रोम जल रहा है और नीरो बंसी बजा रहा है’ की स्थिति बनती जा रही है। अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और मुख्यमंत्री सुशासन की बातें कर रहे हैं।” बलरामपुर और दामाखेड़ा की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब तो साधु-संत भी सुरक्षित नहीं हैं।
ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बलौदा बाजार, कवर्धा और सूरजपुर जैसी घटनाओं को प्रशासनिक नाकामी का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस की अभिरक्षा में मौत होना छत्तीसगढ़ में अपराध की नई लहर का संकेत है।
पूर्व विधायक रश्मि सिंह ने बलरामपुर की घटना को लेकर पुलिस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “एक युवक की पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु हो जाती है और पुलिस बिना सूचना के बॉडी को अस्पताल ले जाती है। यह पूरी घटना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाती है।”
पूर्व प्रदेश सचिव अर्जुन तिवारी ने कहा कि बलौदा बाजार अग्निकांड से साफ है कि साय सरकार जनता की सुरक्षा करने में नाकाम साबित हो रही है। अपराधियों का हौसला बढ़ता जा रहा है और सरकार की पकड़ पुलिस पर कमजोर होती जा रही है।
सभापति शेख नजीरुद्दीन ने विधायक अमर अग्रवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 10 महीनों में बिलासपुर में अपराध चरम पर हैं, जबकि विधायक की ओर से इस पर कोई ठोस बयान या कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बिलासपुर को सबसे कम अपराध वाला जिला बताना इस स्थिति की गंभीरता को नजरअंदाज करने जैसा है।
धरने में विजय पांडेय, विजय केशरवानी, रश्मि सिंह, अर्जुन तिवारी, शेख नजीरुद्दीन समेत कई कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे और प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।
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