सुबह देखा तो हवा -तूफ़ान में गिरे मिले पान बरेजे
पान बरेजे धराशायी, पान की फसल चौपट
मुआवजा राशि मिल जाती तो बना लेते पान बरेजे
सिहोरा
शनिवार को शाम के समय लगभग 6 बजे हवा के साथ तेज आँधी ने गाँधीग्राम स्थित पान बरेजों में जमकर तबाही मचाई।ग्राम गांधीग्राम के मोतीलाल चौरसिया व अन्य चौरसिया समाज के पान कृषकों ने बताया रविवार को सुबह जब उन्होंने बरेजों को देखा तो पान बरेजे ताश के पत्तों की तरह धराशायी होकर जमीन में बिछे हुए थे। गांधीग्राम तालाब के किनारे स्थित पान बरेजे आँधी के प्रभाव से जमीन पर बिछ गए।गांधीग्राम बुढ़ानसागर नामक तालाब के किनारे रवि चौरसिया, मोतीलाल चौरसिया,सचिन,मोहित, संजय (लल्ला) चौरसिया, राजेन्द्र, चौरसिया, इन सभी लोगों के लगभग 100 पारी पान बरेजे पान की बेलों सहित जमीन पर धराशायी हो गए।
मिट्टी में सन गए पान के पत्ते व लताएं
चौरसिया समाज के पान कृषकों ने बताया कि शाम व रात के समय मौसम के बिगड़ने व हवा तूफान की वजह से पान बरेजों के गिरने से पान की बेलें व बेलों में लगे हुए पान के पत्ते बेलों सहित मिट्टी में मिल गए।
उपरोक्त संबंध में जानकारी देते हुए चौरसिया समाज के पान कृषकों ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के रूप में आंधी तूफान से उनके सैकड़ों पारी पान बरेजे गिर गए ।जिससे पान की फसल व पान बरेजों को लाखों रुपये का नुक्सान हो गया।
इनके पान बरेजों को नुकसान
कुल मिलाकर लगभग 100 पारी पान बरेजा नष्ट हो गई। चौरसिया समाज के पान कृषकों ने बताया की पान बरेजों के नुक्सान का सर्वे विभाग द्वारा करवाकर मुआवजे की राशि प्रभावित पान कृषकों को दी जावे।
मुआवजा मिल जाता तो पान बरेजे बना लेते
पान कृषकों का कहना है कि यदि उन्हें समय पर मुआवजा राशि उपलब्ध हो जाती तो वे पान बरेजों का पुनः निर्माण कर सकते हैं और पान की फसल लगाकर अपना जीविकोपार्जन कर सकते हैं।शासन-प्रशासन से चौरसिया समाज के पान कृषकों का कहना है कि उनकी आय का एकमात्र स्रोत पान बरेजा बनाकर पान की खेती करना है ।अतः समय पर मुआवजा राशि शीघ्र प्रदान की जावे।जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा ना हो सके।
मोबाइल – 9425545763