आटिज्म (Autism) एक न्यूरो-डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जिसका असर व्यक्ति की सामाजिक संपर्क, संचार और व्यवहार पर पड़ता है। इसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) भी कहा जाता है क्योंकि यह कई अलग-अलग प्रकार और गंभीरता में आता है।
मुख्य लक्षण:
1. सामाजिक संपर्क में कठिनाई: आटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति को दूसरों के साथ संवाद स्थापित करने, भावनाओं को समझने और साझा करने में कठिनाई होती है।
2. संचार में समस्याएं: कुछ व्यक्तियों में बोलने और भाषा का उपयोग करने में समस्या होती है।
3. दोहराए जाने वाले व्यवहार: विशेष रुचियों और गतिविधियों में गहरी रुचि हो सकती है, और बार-बार एक ही काम को करने की आदत हो सकती है।
4. संवेदनशीलता: ध्वनि, प्रकाश, स्पर्श और अन्य संवेदनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता या अति संवेदनशीलता हो सकती है।
कारण:
– आटिज्म का कोई निश्चित कारण ज्ञात नहीं है। यह माना जाता है कि आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों का मिश्रण इसका कारण हो सकता है।
उपचार:
– वर्तमान में आटिज्म का कोई इलाज नहीं है, लेकिन शुरुआती निदान और हस्तक्षेप से इसके लक्षणों को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। इसमें व्यवहारिक थेरेपी, भाषा और संवाद थेरेपी, और शैक्षिक समर्थन शामिल हो सकते हैं।
आटिज्म का निदान एक विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है और यह प्रक्रिया व्यापक होती है, जिसमें कई प्रकार के परीक्षण और निरीक्षण शामिल होते हैं।
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