रेलवे फाटक में आधे घंटे फंसी रही 108 एंबुलेंस, महिला की मौत
खितौला रेलवे फाटक का मामला : डिलीवरी के बाद आ रहे थे झटके, इलाज नक लिए पीएचसी मझगवां से रेफर किया था मेडिकल के लिए
सिहोरा
खितौला रेलवे फाटक में ट्रेनों के लगातार आने जाने के कारण बंद होने वाला फाटक महिला की मौत का कारण बन गया। डिलीवरी के बाद महिला को झटके आने पर उसे 108 एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था। खितौला रेलवे फाटक लगभग आधे घंटे तक बंद रहने से एंबुलेंस फंसी रही। देरी के कारण आखिरकार महिला ने दम तोड़ दिया।
ये है मामला
ग्राम भंडरा निवासी आशीष लुहार की पत्नी प्रीति (25) की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां में रविवार सुबह नॉर्मल डिलीवरी के दौरान बच्चे को जन्म दिया। बच्चों को जन्म देने के दो घंटे बाद अचानक उसे तेज झटके आने लगे। उसकी हालत बिगड़ती देख पीएचसी की नर्स ने उसे तत्काल मेडिकल ले जाने के लिए परिजनों को सलाह दी। 108 एंबुलेंस क्रमांक सीजी 04 एनव्ही से प्रीति को मेडिकल कॉलेज पायलट सत्यम चौधरी और ईएमटी सुशील दहिया रवाना हुए। सुबह करीब 9 बजकर 40 मिनिट पर खितौला रेलवे फाटक पहुंचे, लेकिन फाटक बंद था। करीब आधे घंटे तक जबलपुर और कटनी तरफ से ट्रेन गुजरने के कारण फाटक बंद रहा। इस दौरान प्रीति की हालत और बिगड़ गई। करीब 10.10 बजे गेट खुलने पर परिजन महिला को जांच के लिए सिहोरा अस्पताल लेकर पहुंचे। ड्यूटी डॉ. सरयू पोनिकर ने जांच के बाद प्रीति को मृत घोषित कर दिया।
4 साल में नहीं हो पाया ओवर ब्रिज का काम
खितौला रेलवे फाटक पर ट्रेनों के आवागमन के कारण हर एक से डेढ़ घंटे में फाटक बंद हो जाता है। वर्ष 2019 में खितौला में ओवर ब्रिज का वर्चुअल भूमि पूजन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। करीब 4 सालों के दौरान चार बिलर ओवर ब्रिज के खड़े हो पाए। जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि चुनाव के दौरान जनता से ओवरब्रिज काम पूरा होने का वादा तो करते हैं, लेकिन चुनाव होते ही जनता से किया वादा भूल जाते हैं।
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