ठंड की आहट, बुढ़ान सागर तालाब के किनारे वृक्षों पर प्रवासी पक्षियों का बसेरा
प्रवासी पक्षीयो के कलरव से गुंजायमान हो रहा गांधीग्राम और गोसलपुर
सिहोरा
ठण्ड दस्तक के साथ हजारों किलोमीटर दूर के देशों के सूंदर प्रवासी पक्षियों व सूंदर चिड़ियों का गांधीग्राम एवं गोसलपुर में आगमन शुरू हो गया है। प्रवासी पक्षियों को तालाब के आसपास का वातावरण अनुकूलता से परिपूर्ण होने के कारण लगभग तीन -चार प्रकार के प्रवासी पक्षियों की प्रजाति पहुच चुकी हैं।प्रवासी पक्षियों के आगमन से गांधीग्राम इन पक्षियों के कलरव से गुंजायमान हो रहा है।
गिद्ध के विशालकाय आकार के स्लेटी रंग के पीले पैरों वाले पक्षी,पूरे दूधिया रंग के सफेद सारस के आकार के पक्षी,स्लेटी व सफेद रंग के बड़े पक्षी व कोयल के आकर की बड़ी प्रजाति की चिड़िया लगभग 2000 की संख्या में पक्षी आ चुके हैं।प्रवासी पक्षियों का आशियाना बुढ़ान सागर तालाब के किनारे लगे हुए बरगद व आम के वृक्षों पर व् आसपास के कुछ वृक्षो पर बना हुआ है गोसलपुर में इमली के वृक्षों पर बस स्टैण्ड, कछपुरा, जुझारी में सड़क किनारे लगे इमली के वृक्षों में अपना आशियाना बना रहे है।
तालाब में मछलियाँ व कीट पतंगे भोजन
प्रवासी पक्षीयो को दिन के समय बुढ़ान सागर तालाब परिसर में मंडराते मछलियो व कीट पतंगों का शिकार करते देखा गया है।
प्रजनन के लिए आते हैं, गर्मी के पहले रवाना
प्रतिवर्ष ठण्ड के प्रारम्भ में ही ये पक्षी प्रजनन के लिए आते हैं। पत्ते व पतली लकड़ियों से ये पत्तो के बीच अपना आशियाना बना लेते है और प्रजनन हेतु अण्डे देते है। इन पक्षीयो के अण्डे व नवजात बच्चे अनेको बार वृक्ष से नीचे गिरकर मर भी जाते है।
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