38 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन की विधि प्रारंभ
पंडाल में लगाए 7 फव्वारे, करीब 30 घंटे में रविवार शाम जलाभिषेक की प्रक्रिया होगी पूरी
सिहोरा
शारदेय नवरात्र पर खितौला वन विभाग कार्यालय के सामने न्यू रतन दुर्गोत्सव परिवार द्वारा स्थापित मां जगत जननी की 38 फ़ीट ऊंची प्रतिमा के विसर्जन की विधि (शरद पूर्णिमा) शनिवार 12 बजे से प्रारंभ हो गई। 45 फुट के पंडाल में मां दुर्गा के जलाभिषेक की यह प्रक्रिया करीब 30 घंटे में रविवार शाम 6 बजे पूर्ण होगी।
समिति के अरविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि जलाभिषेक विसर्जन के लिए गंगाजल, नर्मदा जल, दूध, शहद और गुलाब जल मिलाकर करीब 6000 लीटर पानी तैयार किया गया। दो-दो हजार लीटर के तीन टैंकरों में इस जल को भरकर साथ अलग-अलग जगह फव्वारे लगाए गए। जलाभिषेक विसर्जन की प्रक्रिया रविवार शाम 6 बजे पूर्ण होगी।
प्रतिमा की मिट्टी से लगेंगे तुलसी के पौधे, अवशेष का हिरन नदी में होगा विधि विधान से
मां दुर्गा की प्रतिमा के जलाभिषेक विसर्जन के बाद निकली मिट्टी से महिलाएं अपने घर में ले जाकर तुलसी का पौधा लगाएंगे। वही प्रतिमा के शेष अवशेष का विधि विधान के साथ हिरन नदी में विसर्जन किया जाएगा।
सिहोरा, कटनी और जबलपुर तक रही प्रतिमा की चर्चा
मालूम रहे की 37 फीट ऊंची माता जगत जननी की प्रतिमा के दर्शनों के लिए नवरात्र के नौ दिनों तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। प्रतिमा की चर्चा सिहोरा कटनी और जबलपुर तक रही दूर-दूर से लोग माता की इस प्रतिमा के दर्शन हो के लिए पहुंचे।
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