22 नवंबर झलकारी बाई कोरी जी की 195 वीं जयंती बिलासपुर सरकंडा में मनाई गई। जिसमें मुख्य रूप से कोरी समाज के सभी सम्मानित जन उपस्थित हुए।समाजिक पुरूषों महिला प्रतिनिधि, बच्चों की सहभागिता रही
मुख्य वक्ता गौरीशंकर जी ने कहा झलकारी बाई कोरी समुदाय की वीरांगना थी जिन्होंने 1857 के विद्रोह में रानी लक्ष्मीबाई की सेवा पति के रूप में बहादुर के साथ कार्य किया खुद रानी लक्ष्मीबाई के रूप में प्रस्तुत कर रानी को सुरक्षित निकाल निकाल झलकारी देवी बचपन से ही निडर शशि प्रवृत्ति की थी 10 साल की उम्र में उन्होंने एक बात को अकेले मार गिराया था इनकी शादी के बाद गंगाधर राव की सेवा में सैनिक रहे पुराण करी से हुई विवाह के बाद लक्ष्मीबाई ने उनकी वीरता अच्छी और अपने सेवा में शामिल कर लिया 1857 के विद्रोह में झलकारी बाई ने लक्ष्मीबाई की ढाल बांधकर लड़ाई लड़ी
इसलिए कोरी समाज उनकी जन्म जयंती पर उन्हें याद करती हैं आज कोरी समाज के प्रबुद्ध जनों के द्वारा याद किया समाज प्रमुख रूप से महिला प्रमुख श्रीमती सुमित्रा कोरी तारा कोरी व गौरीशंकर कोरी अवधेश विनोदिया दिलिप विनोदिया आदि उपस्थित र
हे