बिलासपुर। मस्तूरी दर्रीघाट में पदस्थ सुपरवाइजर उषा श्रीवास को लेकर चौतरफा विरोध सामने आ रहा है पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की शिकायत उसके बाद भाजपा और अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संघ ने दर्रीघाट सेक्टर सुपरवाइजर के खिलाफ बिलासपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी को ज्ञापन सौप कर उसे क्षेत्र से हटाने की मांग की है
अपनी शिकायत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती कोमल ने बताया कि दर्रीघाट सुपरवाइजर उषा श्रीवास को लेकर आंगनबाड़ी बहने लगातार संघ से शिकायत कर रही थी जिसे लेकर आज संघ ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर आंगनवाड़ी सुपरवाइजर को तत्काल हटाने की मांग की है श्रीमती कोमल ने यह भी कहा कि यदि दर्रीघाट सुपरवाइजर को नहीं हटाया जाता है तो संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा। इसी तरह लिमतरा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा शर्मा ने बताया कि जब से उषा श्रीवास सेक्टर में पदस्थ हुई है तब से लगातार उनका मानदेय काटा जा रहा है साथ ही कोरोना काल के समय उन्हें झूठा आरोप लगा कर जबरदस्ती बर्खास्त कर दिया गया था जो बाद में दूध का दूध पानी का पानी हो गया 2023 में जब से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया गया है तब से उन्हें एक बार भी पूरा मानदेय नहीं मिला है द्वेषवश आंगनवाड़ी सुपरवाइजर हर मां उनका मानदेय काट लेती है । लावर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगीता चांदने ने कहा कि वह सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं जिसके कारण कोई भी नहीं चाहता कि उन्हें इस सेक्टर में रखा जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सविता बारगाह ने भी जुलाई माह का मानदेय काटे जाने की जानकारी दी।
क्या है मामला
कुछ माह पूर्व दर्रीघाट सेक्टर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उक्त सुपरवाइजर के खिलाफ गरम भोजन व अन्य मदों में 10% कमीशन लेने की शिकायत की थी साथ ही आंक डीह ग्राम पंचायत के एक महिला समूह ने पोषण आहार के अनुबंध के लिए पैसे मांगे जाने की शिकायत जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास से लिखित में की थी। लेकिन उस दौरान जांच में महिला सुपरवाइजर ने आंगनवाड़ी वर्कर्स को धमकी चमकी देकर मामले को रफा दफा कर दिया था ।
विभाग द्वारा ना हटाए जाने से उत्साहित सुपरवाइजर ने एक के बाद एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और क्षेत्र में जमकर वसूली की। यह बात जैसे मीडिया को पता चली मीडिया ने भी मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया मगर सुपरवाइजर को विभागीय अधिकारियों से मिले संरक्षण के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई ।
वहीं दो दिन पूर्व मामले में नया मोड़ आया
और एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी ने उक्त सुपरवाइजर की गफलत से तंग आकर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र लिख दिया उन्होंने भी सुपरवाइजर को हटाने की मांग कर दी और अपने पत्र के माध्यम से जानकारी दी है कि बार-बार हिदायत देने के बाद भी दर्रीघाट सेक्टर सुपरवाइजर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। उन्हें हटाया जाय।
ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान श्रीमती संगीता चांदने, रजनी स्वामी, चित्ररेखा चंद्राकर, लक्ष्मी देवी कर्मकार, पूर्णिमा भौमिक, भारती करियारे, सविता बारगाह, ओम प्रभा तिवारी, लता खांडे , मंगलीन राजकुमारी, कुसुम लता, अहिल्या, बिंदु लता चंद्राकर, बैसाखा खन्ना, संतोषी बघेल, राजकुमारी गेंदले ,ललिता गेंदले, उषा बंजारे, टंकेश्वरी तिवारी ,प्रीति उपाध्याय, गोमती, राधिका पटेल, शीला चंद्राकर, सुनीता सोनवानी, गंगामनी घृत लहरे ,सुकृत मानिकपुरी, राधिका निषाद, सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका उपस्थिति रही
क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के खूब चर्चे
दर्रीघाट सेक्टर सुपरवाइजर को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की फजीहत हो रही है पिछले कुछ दिनों मस्तूरी सहित से सोशल मीडिया पर
सेक्टर सुपरवाइजर के कारनामों की चर्चा केवल मस्तूरी ही नहीं बल्कि बिल्हा बिलासपुर तखतपुर सहित अन्य जिलों में भी होने लगी है क्योंकि सोशल मीडिया पर लगातार न्यूज़ ने पूरे विभाग को घेरे में ले लिया है । और अब यह मामला प्रदेश के मुखिया और विभाग की मंत्री तक पहुंच गया है।