सीता कौशल अकलतरा
अकलतरा विधान सभा कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक एंव प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चुन्नीलाल साहू ने अपने समस्त प्रभार से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा दीपक बैज प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ को सौप दिया है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता में अब भी बने हुए हैं। पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू ने अपने पत्र लिखा है कि विगत चार वर्षों में पार्टी द्वारा कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष के रूप में जो भी जिम्मेदारी मुझे सौपी गई उसको निष्ठापूर्वक निर्वहन मेरे द्वारा किया गया साथ ही वर्ष 2023 के विधान सभा चुनाव में मेरे प्रभार जिला बिलासपुर ग्रामीण के मस्तूरी व कोटा गृह जिला जांजगीर व रायगढ लोकसभा प्रभार क्षेत्र के चार सीटों पर कार्य किया जहां विधान सभा मे नतीजा कांग्रेस के पक्ष में रहा परन्तु प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार से मैं व्यथित हूं जिसके कारण मैं प्रदेश का कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूँ।
पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू अकलतरा विधान सभा से कांग्रेस पार्टी का पिछड़े वर्ग का सबसे बड़ा चेहरा थे । इसके साथ ही बिलासपुर संभाग में साहू समाज की बड़ी संख्या को देखते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी पार्टी द्वारा दी गई थी । प्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद लगातार कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं का आरोप प्रत्यारोप का दौर और अब उन नेताओं का स्पष्टीकरण फिर अंतिम उपाय बड़े कद्दावर नेताओं का इस्तीफा कांग्रेस पार्टी की चूले हिला देगा जिसका खामियाजा आने वाले लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है जिसका नुकसान न केवल कांग्रेस साथ कांग्रेस से अलग होकर नयी मंजिल नया आशियाना तलाश करने वाले नेताओं को भी होगा । एक तरफ नव नियुक्त नेता प्रतिपक्ष डाक्टर चरणदास महंत ने माना कि जांजगीर और सक्ती जिले की छह की छह विधानसभा में ऐतिहासिक जीत कांग्रेस में जान फूंकने का काम करती है और बताती है कि मिलजुल कर काम करने का सुफल क्या होता है तो दूसरी ओर साहू समाज के लिए चुंबकीय आकर्षण प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नी लाल साहू का इस्तीफा कांग्रेस के लिए नुकसानदायक होगा । हार और जीत जीवन का अनिवार्य हिस्सा है और हर खिलाड़ी चाहे वह खेल मैदान का खिलाड़ी हो , चाहे वह सामाजिक जीवन का खिलाड़ी चाहे वह राजनीतिक खिलाड़ी, कभी न कभी उसे हार का सामना करना पड़ता है और अपनी हर हार से वह कमजोरियों को दूर करता है और मजबूती से उभरता है । कांग्रेस की यह हार भी परिवर्तन की एक कड़ी है जहां उस परिवर्तन को स्वीकार कर हार के कारणो की खोज की जानी चाहिए और उसके साथ यह भी आवश्यक की इस जिले और जांजगीर लोकसभा में शानदार प्रदर्शन में कारक तत्व की खोज और आगे लोकसभा चुनाव में उन कारक तत्वो को बिना राग द्वेष के अपनाना क्योकि राजनीति की कश्ती सिरफिरे आशिक की तरह होती हैं हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेगे । बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं में साम-दाम-दंड-भेद के अलावा यह बात भी अच्छी तरह समझाईं गई थी कि मेरा अस्तित्व है इसलिए तुम्हारा भी हैं और तुम्हारा भी है इसलिए मेरा भी है और भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस बीज मंत्र को समझा और यही बीज मंत्र कांग्रेस और कांग्रेस के हर एक कार्यकर्ता को भी समझना होगा तभी इस 183 वर्षीय बूढ़े, अनुभवी और आज भी दूसरी बड़ी राजनीतिक दल की गरिमा है
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