‘मावठा’ ने बढाई किसानों की मुसीबत, पिछडी रबी फसल की बोवनी
अन्नदाता की चिंता : मझौली ब्लाॅक में 5 फीसद हुई है गेंहू की बुवाई, मूंग-उडद की फसल पर पडेगा असर, मौसम खुलने के इंतजार में किसान
सिहोरा
मावठा ने सिहोरा और मझौली ब्लाॅक के किसानों की मुसीबत बढा दी है। नवम्बर के आखिरी सप्ताह और दिसम्बर माह की शुरूआत से हो रही रूक-रूक कर हो रही बारिष के कारण रबी सीजन की प्रमुख फसल गेंहू की बोवनी का काम पिछड गया है। सिहोरा ब्लाॅक में गेंहू की बोवनी काफी हद तक ठीक है, लेकिन मझौली ब्लाॅक में सिर्फ 5 फीसद बोवनी हो पाई है। जानकारों के मुताबिक गेहूं की बोवनी पिछडने का असर उडद और मूंग की फसल पर पडेगा।
धान की फसल कटने के बाद किसान खेतांे में जुताई की तैयारी मंे थे, लेकिन पिछले एक सप्ताह से हो रही रिमझिम और तेज बारिष के कारण खेत गीले हो गए है। ऐसी स्थिति मंे जुताई और गेंहू की बोवनी करना संभव नहीं हो पा रही है। वैसे अमूमन सिहोरा और मझौली ब्लाॅक में धान की कटाई के बाद नवम्बर माह तक करीब 60 फीसद गेंहू की बोवनी हो जाती थी, लेकिन इस साल मावठे के कारण गेंहू की बोवनी प्रभावित हो रही है। किसानांे का कहना है कि यही बारिष जनवरी माह में होती है तो यह गेंहू के लिए अमृत बन जाती।
कृषि विभाग का दावा किसना सही
कृषि विभाग का दावा है कि सिहोरा ब्लाॅक में 60 फीसद गेहूं की बोवनी हो गई है, वहीं सिहोरा से सटे मझौली ब्लाॅक मंे सिर्फ 5 फीसद गेंहू की बोवनी हो पाई है। वहीं दूसरी तरफ मौसम भी सप्ताह भर में एक सा बना है। जिस तरह से मावठा बरस रहा है, उससे करीब दस से 15 दिन गेहूं की बोवनी शुरू हो सकेगी।
खास-खास
सिहोरा ब्लाॅक में 29 हजार हेक्टे. रकबे में गेंहू की बोवनी का लक्ष्य
35 हजार हेक्टे. रकबे का लक्ष्य मझौली ब्लाॅक में गेंहू की बोवनी का
मझौली ब्लाॅक में सिर्फ 1800 हेक्टे. में हुई गेंहू की बुवाई
17400 हेक्टे. में सिहोरा ब्लाॅक में हो चुकी है गेंहू की बोवनी
इनका कहना
मावठा गिरने से सिहोरा-मझौली ब्लाॅक में रबी सीजन की फसल गेंहू की बोवनी का काम पिछड गया है। मौसम खुलते और बारिष रूकने के साथ बुवाई का काम तेज से प्रारंभ हो जाएगा। इसका असर गेंहू के उत्पादन पर नहीं पडेगा, लेकिन मूंग-उडद पर इसका असर पडने की संभावना है।
मनीषा पटेल, अनुविभागीय अधिकारी कृषि सिहोरा
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