मादा चीतल और दो शावकों का बेरहमी से शिकार करने वाले छह फरार
सवा माह बाद भी सिहोरा वन विभाग नहीं लगा पाया सुराग : कुर्रो रोड़ पर तीन ख़ान और 40 किलो मांस छोड़कर हो गए थे फरार
सिहोरा
मादा चीतल और उसके दो शावकों का बेरहमी से शिकार कर उसकी खाल उतारने वाले छह शिकारी अभी भी फरार हैं। सवा माह से ज्यादा का समय गुजर गया लेकिन वन विभाग के हमले के पास शिकारी का कोई भी सुराग नहीं है। वन विभाग का अमला हवा में तीर चला रहा है। शिकार के इस मामले में वन विभाग का अमला अभी तक सिर्फ एक ही आरोपी को पकड़ पाया है। वही वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी चीतल और उसके दो शावकों के शिकार जैसे गंभीर मामले में हाथ पैर हाथ बैठे हैं।
गर्भवती थी मादा चीतल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस मादा चीतल का शिकारियों ने बेरहमी से शिकार कर उसकी खाल उतारी थी वह मादा चीतल गर्भवती थी। हालांकि वन विभाग के अधिकारी इस मामले में जानकारी देने से बच रहे हैं। लेकिन पशु चिकित्सा विभाग के सूत्रों की माने तो चीतल के पोस्टमार्टम के दौरान इस बात की पुष्टि हुई है।
ये है मामला
सरदा और हरगढ़ के जंगल से सात शिकारी ने वयस्क मादा चीतल और उसके दो शावकों का बेरहमी से शिकार किया। शिकार करने के बाद सिहोरा से कुर्रो रोड़ पर 24 अगस्त को देर रात बाकायदा उनकी खालें उतरीं और मांस को ठिकाने लगाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन इस बीच पुलिस की गस्त को देखकर आरोपी मौके से फरार हो गए। घटनास्थल से तीन चीतल की खाल 40 किलो मांस वन विभाग ने बरामद किया था। वन विभाग ने इस मामले में अवैध शिकार का प्रकरण दर्ज किया था।
सिहोरा और जबलपुर के हैं शिकारी
मादा चीतल और दो शावकों का बेरहमी से शिकार करने वालों में चार शिकारी सिहोरा के ही रहने वाले वही दो आरोपी जबलपुर के हैं। आरोपियों के सिहोरा के होने के बावजूद वन विभाग का अमला इनका सुराग तक नहीं लग पाया, जो वन विभाग की नाकामी को साफ दर्शाता है।
इनका कहना
मादा शीतल का शिकार करने वाले 6 आरोपी फरार है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दी गई लेकिन सफलता नहीं मिली। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने अग्रिम जमानत न्यायालय में लगा रखी है।
अबरार खान, डिप्टी रेंजर सिहोरा
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