प्रदेश में सरकार बनते ही सिहोरा को मिलेगा जिला का दर्जा
पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की पत्रकार वार्ता
सिहोरा
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में सिहोरा का बीते 20 वर्षों से लंबित जिला का दर्जा प्रदान किया जाएगा। यह बात प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने रविवार को सिहोरा में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि सिहोरा की भौगोलिक स्थिति को कांग्रेस पार्टी अच्छी तरह से जानती है। इसके चलते उन्होंने 21 दिसंबर 2001 को सिहोरा में आयोजित ग्राम स्वराज सम्मेलन में सिहोरा को जिला बनाए जाने की घोषणा की थी। अपनी घोषणा को पूरा करने उन्होंने 1 अक्टूबर 2003 को कैबिनेट बैठक में सिहोरा जिला का प्रस्ताव पारित कराया था। आचार संहिता लगने के कारण कैबिनेट के पारित प्रस्ताव का क्रियान्वयन 26 जनवरी 2004 को होना था, लेकिन प्रदेश की सत्ता में आई भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के सिहोरा जिला के पारित प्रस्ताव का पालन नहीं किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा सिहोरा कृषि, वन, खनिज संपदा बाहुल्य क्षेत्र है। सिहोरा जिला बनने से प्रदेश मे सर्वाधिक राजस्व देने वाला सिहोरा जिला होता। सिहोरा के जिला नहीं बनने से इसके आसपास 15-20 किलोमीटर दूरी पर बसे मझौली, बहोरीबंद तथा ढीमरखेड़ा विधानसभा के एक हजार से अधिक ग्रामों के विकास को नई दिशा और गति मिलती। सिहोरा के जिला नहीं बनने से उल्लेखित तीनों विधानसभा के साथ सिहोरा विधानसभा का विकास पूरी तरह से ठप्प हो गया।
भाजपा सरकार ने बीते 20 सालों में सिहोरा की उपेक्षा की
मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर खुला आरोप लगाया कि सरकार के बीते वर्ष के शासनकाल में विकास के नाम पर एक ईट नहीं रखी गई। पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक नित्य निरंजन खंपरिया, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा, कांग्रेस जिला ग्रामीण अध्यक्ष नीलेश जैन, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सेवर अध्यक्ष बिहारी पटेल, जिला पंचायत सदस्य एकता ठाकुर उपस्थित थे।
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