

खेतों में गेंहूँ की फसल काटकर,किसानों ने नरवाई में आग लगाना शुरू किया
हवा में फैल रहे धुएं से लोग परेशान
सिहोरा
गेंहूँ की फसल कटाई का काम निपटने के बाद आसपास के गाँव मे नरवाई में आग लगाना शुरू कर दिया है।इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है। गेंहूँ की फसल काटकर किसान नरवाई में आग लगा रहे हैं। खेतों से उठते धुएं से लोगों का सांस लेना कठिन हो रहा है। खासकर दमा रोगियों के लिए वातावरण में फैला धुआं दुश्मन बन रहा है। प्रशासन की अनदेखी के चलते सुप्रीम कोर्ट एवं शासन प्रशासन के आदेश भी बेअसर है। क्षेत्रीय किसान कृषि वैज्ञानिकों की सलाह को भी नजरअंदाज करते हुए धान के कचरे में आग लगाने से बाज नहीं आ रहे है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 जबलपुर सिहोरा हाइवे सड़क पर टोलनाका के पास मोहतरा में शुक्रवार एवं शनिवार को दोपहर 2 बजे तथा रात्रि में जगह- जगह खेतों में नरवाई में आग लगाने से चारों तरफ धुआं आसमान में फैल गया।आग की लपटों को देखकर ग्रामवासियों की भीड़ लग गई, नरवाई की आग के धुंए से धुंध भी फैल रही है जिससे राहगीरों वा वाशिंदों को भारी परेशानी हो रही है।
जिम्मेदार कार्यवाही नहीं कर रहे, नरवाई में आग लगाने वाले डर नहीं रहे
पर्यावरण बिगड़ने के साथ ही आसपास गांवों में आग फैलने से लोगों को जानमाल को नुकसान की आशंका बन रही है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा रोकथाम के प्रयास नहीं होने से किसान धान की फसल के अवशेष आग में झोंक रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को नरवाई जलाने से रोकने के लिए समझाइश दे चुके हैं, इसके बाद भी अगर किसान आग लगाने से नहीं माने तो नियमानुसार पुलिस में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इलाके में ज्यादातर किसान धान की फसल हार्वेस्टर से कटवा रहे हैं। फसल कटाई के काम से निपटते ही अगली फसल की बोवनी के लिए खेत तैयार करने के लिए नरवाई में आग लगा रहे हैं। अभी भी इलाके में 80 प्रतिशत खेतों में गेंहूँ की फसल खड़ी है। इस तरह आग लगाना खतरे से खाली नहीं है। हालांकि कृषि विभाग द्वारा किसानों को आग लगाने के बजाए फसल अवशेष नष्ट करने के लिए खेत में ट्रैक्टर की मदद से हैरो चलाकर गहरी हंकाई करने की सलाह दी जाती है। लेकिन कृषि विशेषज्ञों की समझाइश का किसानों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर भी अमल नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन ने किसानों को आग लगाने पर पुलिस कार्रवाई की चेतावनी देकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। कई दिनों से इलाके में रोजाना बड़ी तादाद में किसान फसल अवशेष जला रहे हैं। लेकिन अभी तक एक भी किसान के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई है। यही वजह है कि क्षेत्रीय किसान न कृषि वैज्ञानिकों की सलाह मान रहे हैं और न उन्हें कार्रवाई का डर है।
क्षेत्र में कई स्थानों पर गेंहूँ की फसल पकी
क्षेत्र में कई स्थानों पर में गेंहूँ की फसल पकने के बाद पिछले एक सप्ताह से कटाई का काम चल रहा है। लगभग 20 फीसदी रकबे में फसल कटाई का काम निपट चुका है। गाँधीग्राम, गोसलपुर, कुशनेर आसपास क्षेत्र में अभी भी करीब 70 से 80 फीसदी रकबे में गेंहूँ की फसल खड़ी है। फसल काटते ही किसान अपने खेतों में आग लगा रहे हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक
किसानों द्वारा नरवाई जलाने से ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है। गेंहूँ उत्पादक क्षेत्र में कई जगह खेतों में आग की लपटों से उठते धुएं का गुबार छाया है। खेतों में आग लगाने से वे किसान भी चिंतित हैं, जिनके खेतों में अभी गेंहूँ की फसल पकड़कर तैयार खड़ी है।


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