

हद दर्जे की लापरवाही : न धान मिल रही
न खाते में आया भुगतान
धान का शेष भुगतान पाने किसान परेशान न धान मिल रही, बेफिक्र बने जिम्मेदार, अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाब
सिहोरा
सिहोरा तहसील के अंतर्गत शासन के द्वारा स्थापित धान उपार्जन केंद्रों में देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों को अपनी धान की उपज तुलवाये तीन चार महीना गुजरने को होने जा रहा है और अब शासन द्वारा गेहूं खरीदी शुरू कर दी गई। परंतु अभी तक तहसील के लगभग एक सैकडा किसानों का धान का शेष भुगतान खाते में नहीं पहुंचा। आपको बता दें की धान पंजीयन के उपरांत राजस्व अमले द्वारा फसल का सत्यापन करने के बाद प्रशासन द्वारा सेटेलाइट से सर्वे कराया गया। सेटेलाइट सर्वे एवं पटवारी के द्वारा किए गए सर्वे रिपोर्ट में भारी अंतर आने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो गई थी। अनेक किसानों के खसरे असत्यापित दिखने लगे किसानों द्वारा अपनी उपज खरीदी केंद्रों में तुला दी गई। खरीदी केंद्रों में उपज की कंप्यूटर जनित रसीद भी प्रदान की गई परंतु जब किसानों के खाते में भुगतान आया तो वह आधा अधूरा था।
किसान खरीदी केंद्र के लगा रहे चक्कर
प्रशासन ने किसानों से राशि की कटौती कर ली अब किसान अपनी धान की उपज वापस पाने के लिए खरीदी केंद्रों के चक्कर लगा रहा है। इस संबंध में खरीदी केंद्र व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों का कहना है की हमारे पास शासन द्वारा धान वापस करने का कोई आदेश न आने के कारण हम किसान की धान वापस नहीं कर पाएंगे वही किसानों के खाते में धान का भुगतान भी नहीं आ रहा है और धान भी वापस नहीं मिल रही ऐसी स्थिति में किसान पशोपेश की स्थिति में फंसकर सोसाइटी से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और किसानों की इस पीड़ा को सुनने वाला कोई तैयार नहीं है।
किसान कर्ज के बोझ में दबे, किसानी का काम प्रभावित
बड़ा सवाल यह पैदा होता है की जब किसानों को राशि नहीं दी गई तो उनकी शेष धान वापस की जाना चाहिए परंतु धान वापस होने की वजाय वेयरहाउस मे भंडारित धान को मिलरो द्वारा परिवहन भी कर लिया गया। इसके बावजूद भी किसानों के खाते में शेष राशि नहीं डाली जा रही है। जिससे किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है पूरी राशि न मिलने से अनेक किसान कर्ज के बोझ तले दबे हैं उनकी रोजमर्रा की जरूरते व खेती किसानी के काम प्रभावित हो रहे हैं इस संबंध में शीघ्र ही किसानों व जनसेवा समिति का प्रतिनिधि मंडल जिले के मुखिया से मिलकर चर्चा
करेगा।
इतने किसानों का भुगतान अटका
बुढ़ागर सोसाइटी 35 किसान
कछपुरा सोसाइटी 13 किसान
बेला सोसाइटी 10 किसान
सहजपुरा सोसायटी 01 किसान
इनका कहना
जिन किसानों के खसरे असत्यापित हो गये थे और उपज तुल गई थी ऐसे किसानों को भुगतान देने की बजाय धान की उपज वापस की जावेगी।
कमलेश तांडेकर, फूड कंट्रोलर जबलपुर


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