

“नंद को आनंद भयो जय कन्हैया लाल की”
भगवान श्री कृष्ण जन्म पर जमकर झूमे श्रद्धालु
जय भवानी कॉलोनी खितौला बाजार में संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का चतुर्थ दिवस
सिहोरा
अहंकार विनाश का कारण है। भागवत कथा मनुष्य को अहंकार रहित जीवन जीने की कला सिखाती है। उक्त प्रवचन रविवार को खितौला जय भवानी कॉलोनी में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास से महंत श्री संत सीता रामशरण जी महाराज ने कहे।
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का सुनने का व्यक्ति जब संकल्प करता है उसी समय परमात्मा उसके हृदय में आकर निवास कर लेते हैं। भगवान की कथा ऐसी है इसका ज्यों-ज्यों पान करते हैं त्यों-त्यों इच्छा बढ़ती जाती है। कथा रस कभी घटता नहीं निरन्तर बढ़ता रहता है। नित्य नए आनन्द की अभिवृद्धि होती रहती है। श्रीमद् भागवत अध्यात्म दीपक है जिस प्रकार एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक प्रज्जवलित हो उठते हैं उसी प्रकार भागवत के ज्ञान से हजारों, लाखों मनुष्यों के भीतर का अंधकार नष्ट होकर ज्ञान का दीपक जगमगा उठता है। भगवान का आश्रय ही सच्चा आश्रय है। कथा व्यास का पूजन रतनलाल चौबे श्रीमती जयंती चौबे के साथ वार्ड क्रमांक 13 से राजेश चौबे ने किया।
कृष्ण जन्म पर जमकर झूमे श्रद्धालु, गाए बधाई गीत
आगे व्यास जी ने द्वापरयुग में जन्में सोलह कलाओं में निपुण भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा का मार्मिक वर्णन किया। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रद्धालू “नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल” की गीत पर जमकर झूमे और श्रीकृष्ण के स्वरुप के दर्शन किए। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।


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