हाईवे पर दौड़ रही ओवरलोड भूसा की ट्रालियां
पुलिस प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं
सिहोरा-भूसे से लबालब भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां एनएच-30 सिहोरा जबलपुर के बीच रोजाना धड़ल्ले से निकल रहीं हैं। मंगलवार को दोपहर के समय गांधीग्राम से सिहोरा फोरलेन सड़क मार्ग पर गांधीग्राम, धमकी, बम्हौरी चौराहे पर ओवर लोड भूसा की ट्रॉली बिगड़ने पर घंटो खड़ी रही, हाईवे चौराहे पर ही ड्राईवर भूसे की ट्राली को छोड़कर चला गया। इन दिनों भूसा ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली में ओवरलोड कर ढोया जा रहा है। इन वाहनों पर पुलिस प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। इस कारण वाहन चालक खतरा उठाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिस महकमे द्वारा ओवरलोड भूसे के वाहनों पर कार्रवाई नहीं करना पुलिस के दावों की पोल खोल रहा।
नियम कायदे दरकिनार
व्यवसायिक वाहनों के चालकों ने तो नियम कायदों को तोड़ने की परंपरा सी बना ली है। लेकिन कृषि कार्य करने वाले वाहन भी इसमें पीछे नहीं हैं। भूसे के एजेंट द्वारा बकायदा किसानों के खेतों पर पहुंचकर भूसे मशीनों से भूसा बनाकर किसानों को मोटी रकम देकर परिवहन किया जा रहा है।
जरा सी लापरवाही से बड़ा खतरा
रोजाना सुबह, दोपहर व रात में ऐसे कई वाहन सड़क मार्ग से गुजरते हैं। जिसमें ट्राली में भूसा खचाखच भरा रहता है। इस तरह जरा सी लापरवाही से कोई बड़ी सड़क दुर्घटना हो सकती है। लेकिन बेपरवाह चालक तेज गति से वाहन दौड़ाकर निकल रहे हैं।
कोई नहीं करता जांच
एनएच-30 सड़क मार्ग से गांधीग्राम, गोसलपुर, घाटसिमरिया, सिहोरा से निकलकर आ रहे। इन वाहनों की जांच एवं दस्तावेजों को देखने के लिए सिहोरा से जबलपुर परियट तक यातायात पुलिस का अमला मौजूद नहीं रहता। सूत्रों के मुताबिक पुलिस शहर के बाहर ही इन वाहन चालकों को समझ लेती है। वाहन से जुड़े जानकारों का कहना है कि बड़े व्यवसायिक वाहनों की अपेक्षा ट्रैक्टर ट्राली में ओवरलोडिंग करने के खतरे ज्यादा हैं। क्योंकि इसमें कंट्रोल समय पर नहीं हो पाता और भूसे से भरी टै्क्टर-ट्रॉली पलटने की स्थिति में पहुंच जाती है। इसके अलावा व्यस्तम मार्ग पर भूसे की ट्रॉली निकलने यातायात भी बाधित होने लगता है। शहर में भूसे से भरी ट्रॉली धड़ल्ले से गुजर रही हैं। लोगों का कहना है कि ओवरलोड भूसे के वाहनों के विरुद्घ उचित कार्रवाई की जाना जरूरी है।
बिगड़ने से हाईवे पर में यातायात बाधित
क्षमता से अधिक लोड लेकर के चलने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले ट्रकों और दीगर वाहनों को भारी परेशानी होती है। खासकर रात में साइड नहीं मिलने से जाम जैसी स्थितियां भी निर्मित होती है। वहीं राजमार्ग पर ट्रालियां का ओवरलोड भूरा असंतुलित होने पर खतरा बना रहता है। फिर बीच सड़क पर इन्हें रोककर खड़ा रखने से वाहनों की आवाजाही लगातार प्रभावित होती है।
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