पृथक से बालिकाओं के लिए शौचालय की मांग
गांधीग्राम संकुल के तहत संचालित शासकीय धरमपुरा प्राथमिक विद्यालय का मामला
सिहोरा
सिहोरा विकासखंड के अंतर्गत गांधीग्राम संकुल के तहत संचालित शासकीय प्राथमिक विद्यालय धरमपुरा में छात्राओं के लिए अलग से सुव्यवस्थित शौचालय न होने से इस विद्यालय में कक्षा पहली से पांचवी तक अध्ययनरत लगभग 70 छात्राओं को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। जहां एक ओर सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर बालिका
शिक्षा को प्रोत्साहित करने की बात करती है। वही आज भी राज्य शासन व मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली के दिशा निर्देशों के बावजूद भी इस विद्यालय में छात्राओ के लिए अलग से न ही शौचालय बना और न ही पेशाबघर।
देशी जुगाड़ से बने प्रसाधन में जाना पड़ता है छात्राओं को
देसी जुगाड़ से बने कम लागत के पेशाब घर में छात्राओ को जाना पड रहा है। अनेकों बार राज्य शासन के द्वारा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को प्रत्येक विद्यालय में छात्र छात्राओं के लिए प्रथक प्रथक पेशाब घर व शौचालय शुद्ध पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था के सख्त निर्देश दिए गए। परंतु यहां पर यह निर्देश हवा हवाई साबित दिख रहे है।
छात्राओं को उठानी पड़ती है परेशानिब
संयुक्त रूप से उपयोग होने वाले इन पेशाब घरों में छात्राओं को अनेक परेशानियों से गुजरना पडता है इस संबंध में अनेकों बार पालको द्वारा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया। परंतु स्थिति ज्यों की त्यों आज भी निर्मित है जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली के लाल किला की प्राचीर से 68वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संवोधित करते हुये अपने
उद्बोधन में यह बात कही थी कि एक साल के भीतर देश के हर स्कूल में छात्राओं के लिए प्रथक प्रथक पेशाबघर व शौचालय की व्यवस्था होगी, परंतु धरमपुरा के प्राइमरी स्कूल में ऐसा बिल्कुल
भी नहीं हुआ।
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