रायपुर। नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों से पूर्व छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के दिल्ली दौरे ने इन अटकलों को और हवा दी है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर गंभीर मंथन हुआ है, और नए मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर लग सकती है।
चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में हरियाणा की तर्ज पर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के बावजूद मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्री हैं। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री हैं, जबकि दो पद रिक्त हैं। यदि हरियाणा मॉडल अपनाया जाता है, तो मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिससे कुल संख्या 14 हो जाएगी।
संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कई वरिष्ठ और नए विधायकों के नाम चर्चा में हैं। बिलासपुर से अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक, बस्तर से प्रदेश अध्यक्ष किरण देव और विक्रम उसेंडी, तथा रायपुर से पूर्व मंत्री राजेश मूणत, अजय चंद्राकर और सुनील सोनी के नाम प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। विशेषकर दुर्ग शहर के विधायक गजेंद्र यादव का नाम भी संभावित मंत्रियों की सूची में तेजी से उभर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल विस्तार क्रिसमस के बाद और नए वर्ष से पूर्व, 26 से 31 दिसंबर के बीच संभावित है। मुख्यमंत्री साय की दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आई है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ है।
मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाए रखना भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी। विभिन्न संभागों और समुदायों से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए पार्टी को सावधानीपूर्वक निर्णय लेने होंगे, ताकि आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
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