बिलासपुर । आरक्षण तय होने के बाद, राजनीतिक गलियारों में संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। इस बार महापौर पद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित है, जिससे सामान्य वर्ग के दावेदारों में निराशा है लेकिन ओबीसी वर्ग के नेताओं में उत्साह देखा जा रहा है।
भाजपा की ओर से पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत का नाम प्रमुख दावेदार के रूप में उभर रहा है। उनका संगठन अनुभव और नेताओं में मजबूत पकड़ उन्हें इस पद के काबिल बनाती है कुमावत क्षेत्रीय विधायक व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के भी काफी करीबी माने जाते है।
इधर पूर्व महापौर किशोर राय का नाम भी चर्चा में है जो भाजपा में जिला उपाध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके हैं काफी मिलनसार छवि के व्यक्ति हैं,
कई बार पार्षद रहे रमेश जायसवाल का नाम भी राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है कहा जा रहा है कि रमेश जायसवाल सबसे मजबूत दावेदार है उन्हें वार्ड में काम करने का काफी अच्छा अनुभव है।
इसके अलावा शैलेंद्र यादव, दुर्गा सोनी , सत्यजीत भौमिक, तिफरा के रामू साहू का नाम चर्चा में है।
इधर कांग्रेस पार्टी में भी संभावित उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चा है इन चर्चाओं में पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी रहे प्रमोद नायक, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं काफी शालीन और सौम्य छवि के व्यक्ति है पूर्व महापौर रामशरण यादव भी अपना कार्यकाल बखूबी पूर्ण कर चुके हैं इन्हें भी कार्य करने का अच्छा अनुभव है, पूर्व पार्षद शैलेंद्र जायसवाल, पूर्व निगम सभापति शेख नसरुद्दीन छोटे, और कोनी क्षेत्र के कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास का नाम भी महापौर की दौड़ में शामिल हो गया है।
हालांकि, अभी तक किसी नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी के भीतर ओबीसी वर्ग से आने वाले नेताओं के नामों पर विचार-विमर्श हो रहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो सही नामों के चयन से ही महापौर चुनाव में सफलता मिल सकती है
आरक्षण प्रक्रिया के बाद, शहर के विभिन्न क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई गई हैं। पार्षद से लेकर महापौर तक संभावित प्रत्याशी डोर टू डोर जनसंपर्क में जुट गए हैं इसके साथ ही पान ठेलों, चाय दुकानों और गली-मोहल्लों में महापौर पद के संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चाएं चल रही है।
राजनीतिक जानकारों कि माने तो ओबीसी वर्ग के लिए महापौर पद आरक्षित होने से चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। दोनों प्रमुख दलों—भाजपा और कांग्रेस में महापौर पद को लेकर घमासान मचा हुआ है टिकट के लिए महापौर पद के भावी दावेदार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
पार्टियां भी इस बात को लेकर सचेत है कि वह ऐसे उम्मीदवार को प्रत्याशी के रूप में उतारे जो उनकी उम्मीदों पर खरा उतर सके
जल्द हो सकती है घोषणा।
जल्द ही दोनों पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों ने नामों की घोषणा कर सकती है। इसके साथ ही, चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ने की उम्मीद है, जहां प्रत्याशी अपने एजेंडे और विकास योजनाओं के साथ जनता के बीच पहुंचेंगे
इस बीच, छत्तीसगढ़ के अन्य नगर निगमों में भी महापौर पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसमें रायपुर, कोरबा और बीरगांव में सामान्य महिला, दुर्ग में ओबीसी महिला, भिलाई में ओबीसी, रायगढ़ में अनुसूचित जाति (एससी) और अंबिकापुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए पद आरक्षित किए गए हैं।
बिलासपुर में महापौर पद के लिए ओबीसी आरक्षण के बाद, दोनों राजनीतिक दलों में राय शुमारी की जा रही है और संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की जा रही है।
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