

कृषि उपज मंडी खितौला में घोर लापरवाही, जिम्मेदारों को नहीं किसानों की परवाह, सुविधाओं का टोटा
सिहोरा
सिहोरा अनुविभाग की एकमात्र कृषि उपज मंडी खितौला में लगातार सुविधाओं का अभाव बन रहा है, इधर कृषि उपज मंडी खितौला के द्वारा किसानों से गेट पर्ची शुल्क और व्यापारियों से मंडी शुल्क तो लिया जा रहा है लेकिन सुविधाओं के नाम पर सफेद हाथी के समान कार्यप्रणाली चल रही है। भारतीय किसान यूनियन के सिहोरा नगर अध्यक्ष प्रमोद सिंह ठाकुर ने बताया कि इधर मुद्दत जैसे बड़े विषयों पर कोई ठोस कारवाई नहीं होती, यदि व्यापारी को पता चल जाए कि किसान ने मुद्दत मामले में शिकायत दी है तो उनकी फसल का रेट गिरा देते है इसलिए किसान डरते है,व्यापारीयों का बड़ा वर्ग सीधे तौर पर मंडी सचिव और उनके चहेते कर्मचारियों को खुश करने में लगा रहता है इसलिए कोई कार्यवाही नहीं होती।
विश्राम गृह में जड़ा रहता है ताला
संख्या की दृष्टि से बात करे तो इधर रोज़ाना हजारों किसान,मझौली सिहोरा, ढीमरखेड़ा बहोरीबंद और बाकल जैसे अंदरूनी क्षेत्रों से किसान अपनी फसल लेकर आते है और अनेकों बार उन्हें रात भी गुजारनी पड़ती है ,शासन ने विश्राम गृह तो बनाया है लेकिन स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही से वह धूल खा रहा है।
मंडी प्रांगण में बैंक भवन तो है लेकिन बैंक नहीं
किसानों ने यह भी मांग की है कि मंडी प्रांगण में ही भुगतान करने का नियम तो बनाया गया है । मंडी में कुछ दिन इसका पालन भुगतान कक्ष में होता है लेकिन व्यापारी मुद्दत काटने के लिए अपनी दुकानों और मंडी के बाहर फसल का भुगतान करते है।
इनका कहना
किसान विश्राम गृह दिन में भी खुला रहता है और रात में यदि किसान मांग करते है तो खोला जाता है,और रही बात बैंक भवन की तो इधर पूर्व में भी कई बैंकों से संपर्क किया गया है और पुनः किया जाएगा जिससे किसानों को भुगतान करने में आसानी हो सके।
रूपेश सिंघई, एसडीएम भारसाधक अधिकारी कृषि उपज मंडी सिहोरा

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