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निजी भूमि में बिना अनुमति काटे जा रहे हरे भरे वृक्ष मड़ई गांव का मामला : राजस्व अमले को भनक तक नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी छुपे चल रहा कामसिहोराग्रामीण क्षेत्रों में निजी भूमि पर लगे भारी भरकम वृक्षों को काटने का चोरी छुपे काम चल रहा है। मामला मझौली तहसील के मड़ई गांव है। जहां निजी भूमि पर लगे आम और कोहा के भारी भरकम पेड़ों को जमीन से काट डाला। वही कोहा के पेड़ में आग तक लगा दी गई। मौके पर कई पेड़ों के टूट भी दिखाई दे रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी राजस्व अमले को और संबंधित हल्का पटवारी को इसकी कोई जानकारी नहीं है। जबकि शासन के स्पर्श निर्देश है कि निजी भूमि पर लगे हरे वृक्षों को काटने के लिए राजस्व अमले से अनुमति लेना जरूरी है। जानकारी के मुताबिक मड़ई गांव में 8 से 10 आम और पोहा के भारी भरकम वृक्ष सड़क के नारे जमीन पर लगे थे। 4 से 6 दिन पहले इन वृक्षों को कुल्हाड़ी और आरी से काट डाला गया वहीं कुछ वर्षों में तो आज भी लगा दी गई। कांटे गए वृक्षों के ढूंढे भी मौके पर अभी पड़े हुए हैं। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी राजस्व अमले को दी तो जरूर लेकिन मौके पर कोई भी नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का आरोप है कि एक तरफ शासन वृक्षों की कटाई के लिए अनुमति की बात कहती है वहीं दूसरी तरफ बगैर अनुमति के हरे-भरे वृक्षों को काटा जा रहा है और उसकी लकड़ी बेच दी जाती है।इनका कहना आपके माध्यम से हरे भरे पेड़ों को निजी भूमि पर काटे जाने की जानकारी लगी है। संबंधित ग्राम में पेड़ काटे जाने की कोई भी अनुमति प्रदान नहीं की गई है संबंधित हल्का पटवारी से मामले की जांच कराई जाएगी। सुनीता शर्मा, तहसीलदार मझौली
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