युवती की संदिग्ध मौत पर पुलिस पर लापरवाही का आरोप, परिजनों ने की विशेष जांच की मांग
बिलासपुर। बिल्हा के एक गांव में एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद पुलिस की कार्यवाही पर गंभीर सवाल उठे हैं। मृतका के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले में विशेष पुलिस दल से जांच की मांग की है। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी इस मामले की जानकारी दी है।
घटना 12 अक्टूबर 2024 की है, जब युवती रात लगभग 8 बजे घर से बाहर शौचालय जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी वह वापस नहीं लौटी। परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की और जब उसका मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया, तो चिंता बढ़ गई। काफी देर तक आसपास खोजने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला।
रात करीब 11 बजे, परिवार को एक अज्ञात व्यक्ति से फोन आया, जिसने बताया कि एक लड़की बेहोशी की हालत में दर्रीघाट मार्ग पर पड़ी है। सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे, जहां एक व्यक्ति ने बताया कि वह लड़की को सड़क पर देखकर रुका था और सुरक्षित रखने के लिए वहां खड़ा रहा। घटनास्थल पर एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी मौजूद था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
मौके पर एक युवक नशे की हालत में मिला, जिसे अस्पताल ले जाया गया, और पास में एक मोटरसाइकिल भी खड़ी पाई गई। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर केवल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि घटनास्थल की ठीक से जांच नहीं की गई।
अगले दिन, जब परिवार पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचा, तो उन्हें वहां एक स्थानीय व्यक्ति और आरोपी युवक के परिजन भी मिले। परिजनों का दावा है कि बिना अनुमति के ये लोग चीरघर के अंदर मौजूद थे और पुलिस के साथ मिलकर कुछ गुपचुप बातचीत कर रहे थे। इससे परिजनों को शक हुआ कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
परिजनों का आरोप है कि युवती के साथ अनैतिक कृत्य करने के बाद उसकी हत्या की गई, लेकिन पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद, आरोपियों से केवल सामान्य पूछताछ की गई और फिर उन्हें छोड़ दिया गया। इससे पूरे गांव में आक्रोश फैल गया है।
परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष पुलिस दल का गठन करने की मांग की है ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके और न्याय मिल सके।
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