बिलासपुर। मानसून का मौसम आते ही देश के कई हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएँ बढ़ जाती हैं। ऐसे में फील्ड में काम करने वाले और बाइक से यात्रा करने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, उष्णकटिबंधीय क्षेत्र, पर्वतीय क्षेत्र, तटीय क्षेत्र, वनाच्छादित क्षेत्र और द्वीप क्षेत्र में बिजली गिरने की घटनाएँ अधिक होती हैं।
किन क्षेत्रों में है अधिक खतरा
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र: देश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में, विशेषकर केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है। यहाँ की गर्म और नम जलवायु थंडरस्टॉर्म को बढ़ावा देती है।
पर्वतीय क्षेत्र: हिमालय के क्षेत्र, जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में, पर्वतीय इलाकों की वजह से हवा का तेजी से ऊपर उठना और ठंडा होना आम बात है, जिससे बिजली गिरने की घटनाएँ अधिक होती हैं।
3. तटीय क्षेत्र: तटीय राज्यों जैसे कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में समुद्री हवाओं और स्थलमंडलीय हवाओं के मिलने से थंडरस्टॉर्म उत्पन्न होते हैं, जिससे बिजली गिरने की संभावना बढ़ जाती है।
सावधानी बरतने की सलाह
विशेषज्ञों की सलाह है कि फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी और बाइक से यात्रा करने वाले लोग निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:
बिजली की गरज सुनते ही शरण लें यदि आप खुले क्षेत्र में हैं और आकाशीय गरज सुनाई देती है, तो तुरंत शरण लें। पेड़ों के नीचे शरण लेना सुरक्षित नहीं है।
धातु के संपर्क से बचें: बिजली गिरने की स्थिति में धातु की वस्तुएँ, जैसे कि बाइक, छाता या अन्य उपकरणों के संपर्क से बचें।
– बंद स्थानों में रहें: संभव हो तो भवन के अंदर रहें और खिड़कियाँ बंद रखें।
– सूचना और अलर्ट: मौसम विभाग की चेतावनियों और अलर्ट को ध्यान से सुनें और उनका पालन करें।
मोबाइल – 9425545763